
उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2034 तक राज्य की बिजली संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अदाणी पावर लिमिटेड से 1,500 मेगावाट बिजली खरीदेगी. राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने मंगलवार को प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से 2 गुणा 800 मेगावाट (1,600 मेगावाट) ताप बिजली परियोजना से 1,500 मेगावाट बिजली खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में हुई निविदा प्रक्रिया में अदाणी पावर लिमिटेड को सफल निविदाकर्ता घोषित किया गया है. उसके द्वारा प्रस्तुत दर सबसे कम 5.383 रुपये रही. शर्मा ने बताया कि राज्य को अपनी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष 2033-34 तक अतिरिक्त 10,795 मेगावाट ताप बिजली की जरूरत होगी.
उन्होंने बताया कि निविदा प्रक्रिया में अदाणी पावर लिमिटेड सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी. उसने 3.727 रुपये प्रति यूनिट का फिक्स्ड चार्ज, 1.656 रुपये प्रति यूनिट का ईंधन शुल्क और कुल शुल्क 5.383 रुपये प्रति यूनिट बताया. शर्मा ने बताया कि कंपनी के साथ 25 साल की अवधि के लिए बिजली आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट के निर्णय के बाद अडानी पावर लिमिटेड को राज्य में 2 x 800 मेगावाट अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित थर्मल पावर प्लांट स्थापित करना होगा और यूपी की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए पूरी क्षमता की आपूर्ति करेगा. राज्य के भीतर बिजली स्टेशन के विकास से कई रोजगार के अवसर पैदा करने, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और सहायक उद्योगों के विकास में सहायता मिलेगी.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं