
- उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि किसी को भी नाम बदलकर रहने की जरूरत नहीं है. ये सब किसी व्यक्ति की आस्था से जुड़ा मामला है.
- डीजीपी ने कहा कि सामाजिक या हिंदू संगठनों द्वारा खुद से नेम प्लेट लगवाना गलत है और शिकायत पर केवल सरकारी एजेंसियां कार्रवाई करेंगी.
- कांवड़ यात्रा में सुरक्षा के लिए मेरठ, आगरा और बरेली सहित 25 जिलों में 40 हजार पुलिसकर्मी और 500 अधिकारी तैनात किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी राजीव कृष्ण ने कांवड़ यात्रा और छांगुर बाबा पर एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की है. कांवड़ मार्गों पर नाम बदलकर ढाबों पर काम करने वालों को लेकर हो रहे विवाद पर डीजीपी ने कहा कि किसी को भी नाम बदलकर रहने की जरूरत नहीं है. ये सब किसी व्यक्ति की आस्था से जुड़ा मामला है. इसे लेकर फूड डिपार्टमेंट लगातार जांच कर रहे हैं. उन्होंने ढाबों वालों से अपील की कि कोई भी किसी कांवड़िये की आस्था से खिलवाड़ ना करे. अगर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो पुलिस कार्रवाई करेगी.
सामाजिक या हिंदू संगठनों के ढाबों पर जाकर खुद नेम प्लेट लगवाने और जांच करने को भी डीजीपी ने गलत बताया. डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि सरकारी एजेंसी अपना काम कर रही हैं, जिसे शिकायत है वो सरकारी एजेंसियों के पास आए, हम कार्रवाई करेंगे. कानून हाथ में लेने का अधिकारी किसी को भी नहीं है. कांवड़ियों के रूप में उत्पात करने वालों को लेकर उन्होंने कहा कि कोई भी किसी भी तरह की हिंसा में शामिल पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहाा कि जो हंगामा या मारपीट करता पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई करने का निर्देश पुलिसकर्मियों को दिया गया है.
कांवड़ यात्रा चुनौती है!
कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर राजीव कृष्ण ने कहा कि कांवड़ यात्रा में करोड़ों की संख्या में यात्री आएंगे. सोमवार को संख्या ज्यादा होती है. ऐसे में संख्या के लिहाज से यह बड़ी चुनौती है. तैयारियों को लेकर उन्होंने बताया कि मेरठ, आगरा और बरेली जोन के 25 जिलों में 40 हजार पुलिसकर्मी और 500 अधिकारियों को तैनाती की गई है. साथ ही पैरामिलिट्री का भी डिप्लॉयमेंट कांवड़ मार्गों पर किया गया है. हमने पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय करने का भी काम किया है.
तकनीक का हो रहा भरपूर इस्तेमाल
तकनीक के इस्तेमाल को लेकर डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि तकनीक फोर्स मल्टीप्लायर है. तकनीक से सुरक्षा बेहतर किया जा रहा है. इस वजह से 30 हजार सीसीटीवी कैमरे, लगभग 350 ड्रोन और टीडर्ड ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है. डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि रियल टाइम मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय से हो रही है. ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर डीजीपी ने बताया कि बीते सालों के अनुभव के आधार पर अलग-अलग मार्गों पर डायवर्जन किया गया है. इसे लेकर जानकारी आम जनता को भेजी जा रही है. लोगों को असुविधा ना हो, इसके लिए पुलिसबल की भी तैनाती की गई है.
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