
- दिल्ली सरकार पहली बार छठ पूजा के लिए डेढ़ दिन की छुट्टी घोषित कर सकती है.
- दिल्ली में 1500 घाटों पर छठ पूजा आयोजित की जाएगी, जिसमें यमुना तट के प्राकृतिक और कृत्रिम घाट शामिल हैं.
- भाजपा सरकार ने यमुना तट की सफाई और घाटों की स्वच्छता के लिए व्यापक अभियान चलाने का दावा किया है.
छठ पूजा को लेकर दिल्ली सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है. दिल्ली में पहली बार छठ पूजा के लिए डेढ़ दिन की छुट्टी घोषित की जा सकती है. इसके तहत 27 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे और 28 अक्टूबर को पूरे दिन छुट्टी रहेगी. आमतौर पर दिल्ली में छठ के लिए केवल एक दिन की छुट्टी होती थी.
इस फैसले को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार द्वारा बिहार चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. दिल्ली में लगभग 5 लाख से अधिक पूर्वांचली मतदाता हैं जो वोट डालने के लिए बिहार जाते हैं. पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में, पूर्वांचली वोटरों ने बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट किया था, जिससे यह समुदाय राजनीतिक रूप से भी प्रभावशाली बन गया है. यह कदम बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
1,500 घाटों पर छठ पूजा आयोजित की जाएगी
दिल्ली बीजेपी ने पुष्टि की है कि इस वर्ष छठ पूजा समारोह शहर भर में लगभग 1,500 घाटों पर आयोजित किया जाएगा. यह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार द्वारा किए गए चुनावी वादों में से एक को पूरा करता है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यमुना तट सहित 1,500 घाटों पर छठ पूजा आयोजित की जाएगी. इसमें यमुना के किनारे 23 बड़े प्राकृतिक घाट और लगभग 1,300 कृत्रिम घाट शामिल हैं. जनता की मांग पर 200 अन्य स्थलों की भी पहचान की गई है.
सरकार यमुना की सफाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध
सचदेवा ने यह भी कहा कि दिल्ली की भाजपा सरकार ने पिछली आप सरकार द्वारा यमुना किनारे पूजा पर लगाए गए "अनैतिक प्रतिबंध" को हटाया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यमुना की सफाई के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह की देखरेख में उचित स्वच्छता सुनिश्चित की जाएगी. भाजपा कार्यकर्ता भी व्यापक सफाई अभियान चलाएंगे.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं दीं, साथ ही उन्हें दिल्ली के विकास कार्यों, स्वच्छ यमुना अभियान और आगामी छठ पर्व की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यमुना के पुनरुद्धार के लिए सीवेज उपचार क्षमता बढ़ाई जा रही है और नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि यमुना के दोनों किनारों पर विशेष घाट विकसित किए जा रहे हैं, जहां प्रकाश, पेयजल, स्वच्छता, चिकित्सा सहायता और सुरक्षा व्यवस्था जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
'आप' ने यमुना का पानी पीने की चुनौती दी...
हालांकि, यमुना की सफाई के दावों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ी हुई है. आप के दिल्ली प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री के दावों को "झूठ" बताया और उन्हें यमुना का पानी पीने की चुनौती दी. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल झाग कम करने के लिए डिफोमिंग एजेंट का छिड़काव कर रही है, वास्तविक प्रदूषण को नहीं. वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आप पर यमुना की सफाई के नाम पर धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और कहा कि गुप्ता सरकार 2026 के अंत तक यमुना को इतना साफ़ कर देगी कि उसमें डुबकी लगाई जा सके.
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी छठ पूजा की तैयारियों को लेकर एक अहम बैठक बुलाई है. दिल्ली के आला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक लगातार बैठकें कर रहे हैं और यमुना घाटों की सफाई भी तेजी से की जा रही है.
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