उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के बगल में बनें मकानों को अब नहीं गिराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद अब मकानों को गिराने की कार्रवाई रोकी जाएगी. मुख्यमंत्री के आदेश में कहा गया है कि 35 मीटर की चौड़ाई के बाद कोई मकान नहीं गिरेगा. कुकरैल नदी के बग़ल में लखनऊ के पंत नगर, खुर्रम नगर और अबरार नगर में मकानों को तोड़ने की कार्रवाई नहीं की जाएगी. इससे पहले अकबर नगर इलाक़े में अवैध बने मकानों को तोड़ने की कार्रवाई हुई थी. इसके बाद एलडीए के अधिकारियों ने पंत नगर, खुर्रम नगर और अबरार नगर में मकानों को चिन्हित करके नोटिस जारी किया था.
इलाक़ों के लोगों ने सीएम से की मुलाकात
इन इलाक़ों के लोग कार्रवाई का विरोध कर रहे थे और आज इन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की. सीएम ने इन इलाक़ों में रहने वालों को निश्चिंत रहने का आश्वासन दिया है. दरअसल कुकरैल नदी को संवारने की योजना के तहत सर्वे का काम किया जा रहा है. नदी के दोनों ओर 50 मीटर के दायरे में आने वाले सभी मकानों को तोड़ा जाए रहा है. इसी कड़ी में सर्वे किया जा रहा है, सर्वे के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.
सर्वे से लोगों में आक्रोश का माहौल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब काॅलोनी का विस्तार हो रहा था, तो अधिकारी मौन थे. यहां रहने वाले लोग पानी, बिजली और हाउस टैक्स अदा कर रहे हैं. इसके बाद भी कई सालों के बाद सरकार अब उनके आशियाने पर बुलडोजर चलाने जा रही है.
बहुमंजिला इमारतें एवं शोरूम बनाए
भूमाफिया ने पर्यावरण संरक्षण के मानकों को दरकिनार कर कुकरैल नदी के इर्दगिर्द बहुमंजिला इमारतें एवं शोरूम बना दिये थे. साथ ही कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अवैध कॉलोनियां भी बसा दी गईं थीं. प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर नवंबर 2023 में कुकरैल नदी और बंधे के बीच बसे अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के 1068 अवैध आवासीय और 101 व्यावसायिक भवनों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. (भाषा इनपुट के साथ)
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