सरकार के मंत्रियों ने गूगल (Google) और प्ले स्टोर से हटाये गये ऐप के विभिन्न स्टार्टअप के साथ सोमवार को कई बैठकें कीं. हालांकि, प्ले स्टोर शुल्क भुगतान मुद्दे का कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है. भारतीय कंपनियों ने गूगल पर अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) और आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने अलग-अलग बैठकों में स्टार्टअप के साथ चर्चा की. इस दौरान स्टार्टअप ने अपनी चिंताएं बताईं और सरकार से समर्थन मांगा.
दरअसल, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने गूगल को 15-30 प्रतिशत शुल्क लेने की पुरानी प्रणाली को खत्म करने का आदेश दिया था. इसके बाद अमेरिकी कंपनी ने ऐप से भुगतान पर 11 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक शुल्क लगाया, जिस पर विवाद बढ़ गया है.
इससे पहले गूगल ने शुक्रवार को कहा था कि कई जानी-मानी फर्मों सहित कई कंपनियां उसके ‘बिलिंग' मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं. ये कंपनियां बिक्री पर लागू प्ले स्टोर सेवा शुल्क का भुगतान नहीं कर रही हैं.
गूगल ने दी थी चेतावनी
गूगल ने चेतावनी दी थी कि वह गूगल प्ले पर ऐसे गैर-अनुपालन वाले ऐप को हटाने में संकोच नहीं करेगी.
इसके बाद शुक्रवार को ही शादी डॉट कॉम, मैट्रिमोनी डॉट कॉम, भारत मैट्रिमोनी, बालाजी टेलीफिल्म्स का ऑल्ट (पूर्व में ऑल्ट बालाजी), ऑडियो मंच कुकू एफएम, डेटिंग सेवा क्वैक क्वैक और ट्रूली मैडली के ऐप प्ले स्टोर पर सर्च करने पर नहीं मिले. हालांकि, बाद में कई ऐप को बहाल कर दिया गया.
वैष्णव ने बैठक के बारे में विवरण साझा करने से इनकार करते हुए कहा, ''जब इसे अंतिम रूप दिया जाएगा तो मैं साझा करूंगा.''
चंद्रशेखर ने ADIF से की बात
चंद्रशेखर ने भारतीय ऐप डेवलपर की संस्था एडीआईएफ (एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन) से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की.
उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि सरकार बड़ी और छोटी कंपनियों के लिए समान अवसर की दिशा में काम करना जारी रखेगी, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्टार्टअप के विकास को गति देगा.
भारतीय ऐप कंपनियों के संगठन एडीआईएफ (एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन) ने कहा कि सरकार ने तत्काल समाधान और दीर्घकालिक व्यवस्था देने का भरोसा दिया है.
उद्योग निकाय ने कहा, ''उन्होंने (केंद्रीय मंत्री) हमारी चिंताओं का समर्थन किया, जो मुख्य रूप से गूगल द्वारा भेदभावपूर्ण मूल्य निर्धारण, मनमानी राजस्व हिस्सेदारी और बाजार में अपनी प्रभावशाली स्थिति के दुरुपयोग के बारे में थी.''
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