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This Article is From Dec 27, 2023

सरकार ने फर्जीवाड़े वाले ‘लोन ऐप’ के विज्ञापन सोशल मीडिया मंच पर नहीं लगाने के दिए निर्देश

केंद्र सरकार ने लोन देने वाले फर्जी ऐप के विज्ञापनों पर रोक लगाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. इसके लिए आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों को निर्देश भी जारी कर दिया है.

सरकार ने फर्जीवाड़े वाले ‘लोन ऐप’ के विज्ञापन सोशल मीडिया मंच पर नहीं लगाने के दिए निर्देश
चंद्रशेखर ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी मध्यस्थ मंच धोखाधड़ी वाले लोन ऐप के विज्ञापन नहीं दे सकता है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने बुधवार को कहा कि सरकार ने फर्जीवाड़ा करने वाले लोन ऐप (Fake Loan Apps) के विज्ञापनों को सोशल मीडिया और ऑनलाइन मंचों पर नहीं लगाने का निर्देश दिया है. चंद्रशेखर ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने इन मंचों को स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि वे कर्ज बांटने वाले गैरकानूनी एवं धोखाधड़ी में लिप्त ऐप के विज्ञापन नहीं दे सकते हैं. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि ये विज्ञापन गुमराह करने वाले हैं और इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों का शोषण करते हैं.

नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए चंद्रशेखर ने कहा, "अब हम जिन क्षेत्रों पर नकेल कस रहे हैं उनमें से एक धोखाधड़ी वाले लोन ऐप के विज्ञापन हैं जो कई मंचों पर चल रहे हैं. हमने इस सलाह से यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी मध्यस्थ मंच धोखाधड़ी वाले लोन ऐप के विज्ञापन (Advertisment) नहीं दे सकता है."

लोन देने वाले फर्जी ऐप ने बढ़ाई चिंता

चंद्रशेखर ने कहा कि तत्काल कर्ज देने वाले ऑनलाइन मंचों को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. ये फर्जी एवं गैरकानूनी ऐप कर्ज के लिए परेशान लोगों को छोटी राशि के कर्ज बेहद ऊंची दरों पर देते हैं और फिर उनकी वसूली के लिए कर्जदारों को धमकाने और ब्लैकमेल करने जैसे तरीके भी आजमाते हैं. इस तरह के ऐप के विज्ञापन भी ऑनलाइन मंचों पर खुलेआम नजर आते हैं. 

इस पर लगाम लगाने के लिए आईटी मंत्रालय ने मंगलवार को जारी परामर्श में यह निर्देश दिया कि ऑनलाइन मध्यस्थों एवं डिजिटल मंचों को गैरकानूनी लोन वितरण में लिप्त ऐप के विज्ञापनों को मंजूरी न देने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने होंगे. इसके साथ ही ऑनलाइन मध्यस्थों और मंचों को इसके लिए जिम्मेदार भी ठहराया गया है. इसमें मध्यस्थ मंचों को शिकायत निपटाने के लिए एक मजबूत व्यवस्था अपनाने पर भी बल दिया गया है. 

बता दें कि आईटी मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक की अक्टूबर में हुई एक बैठक में इस मुद्दे पर जरूरी कदम उठाने के बारे में चर्चा हुई थी. इस दौरान मंत्रालय ने रिजर्व बैंक से बैंकों के लिए 'अपने ग्राहक को जानो' की एक विस्तृत प्रक्रिया तैयार करने का अनुरोध किया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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