विज्ञापन

बजट में बिहार के लिए बहार है, विनर बस नीतीशे कुमार हैं

नीतीश कुमार ने कहा कि हम विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे, लेकिन कहा गया कि इसे समाप्त कर दिया गया है. इसके बाद विशेष मदद की मांग थी, जिसकी शुरुआत हो गई है.

बजट में बिहार के लिए बहार है, विनर बस नीतीशे कुमार हैं
नई दिल्ली:

"सब कुछ धीरे-धीरे जान जाइएगा..." विशेष राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र सरकार के इनकार करने पर जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंगलवार सुबह सवाल किया को उन्होंने बस इतना ही कहा. आम बजट से पहले उनकी मुस्कुराहट ही काफी कुछ कह रही थी. ये संकेत आने वाले बजट को लेकर था कि स्पेशल स्टेटस नहीं तो बिहार को स्पेशल पैकेज दिलवाने में वो सफल रहे हैं. बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार बिहार के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सौगात लाने में सफल रहे. केंद्र सरकार ने इस बार बिहार के लिए खजाना खोल दिया है.

केंद्रीय बजट में बिहार को सड़क और पावर प्रोजेक्ट को लेकर 58,900 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. इसके तहत 3 एक्सप्रेस-वे, बिजली संयंत्र, महाबोधि और विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर सहित कई नई योजनाएं हैं, जिससे बिहार के विकास को तेज गति मिलेगी.

आम बजट में बिहार को क्या-क्या मिला:

  • पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे
  • बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे
  • बोधगया-राजगीर-दरभंगा एक्सप्रेस-वे
  • बक्सर में गंगा नदी पर पुल
  • सड़क पुल के लिए 26,000 करोड़
  • पावर प्रोजेक्ट के लिए 21,400 करोड़
  • सिंचाई के लिए 11,500 करोड़
  • महाबोधी मंदिर कॉरिडोर
  • विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर
  • राजगीर के विकास के लिए योजनाएं
  • नालंदा को पर्यटन केंद्र
  • नए मेडिकल कॉलेज
  • नए एयरपोर्ट
  • खेल इंफ्रा का विकास

नीतीश कुमार के बिहार में सड़कों के लिए केंद्र सरकार ने ₹26,000 करोड़ रुपये दिया है. वहीं 21,400 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया बिजली संयंत्र स्थापित करने सहित बिजली परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण भी तेजी से किया जाएगा. साथ ही बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोधों पर शीघ्रता से काम किया जाएगा. 

नीतीश कुमार ने बजट आने के बाद कहा कि केंद्र सरकार से विशेष मदद मिलनी शुरू हो गई है. अब राज्य का और तेजी से विकास होगा. विशेष राज्य के दर्जे को लेकर हम लोग पहले से ही आंदोलन कर रहे हैं. हमने कहा था कि विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो विशेष मदद की जाए. हम लोग काम कर रहे हैं, उसमें केंद्र से और अतिरिक्त मदद मिलेगी तो विकास को और गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि हम विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे, लेकिन कहा गया कि इसे समाप्त कर दिया गया है. इसके बाद विशेष मदद की मांग थी, जिसकी शुरुआत हो गई है.
Latest and Breaking News on NDTV

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बजट में बिहार को बाढ़ से बचाव के लिए भी बड़ा ऐलान किया गया है. कोशी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है, जो स्वागत योग्य है. बजट में बिहार के लिए विशेष प्रावधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विशेष धन्यवाद. बजट में बिहार के लिए की गई इन घोषणाओं से बिहार के विकास में सहयोग मिलेगा. आशा है कि आगे भी अन्य आवश्यकताओं के लिए केंद्र सरकार इसी तरह बिहार के विकास में सहयोग करेगी."

साल 2000 में पहली बार बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग उठी थी, तब झारखंड राज्य का निर्माण हुआ था और बिहार के खनिज समृद्ध और अपेक्षाकृत अधिक शहरीकृत और औद्योगिक क्षेत्र नए राज्य झारखंड के हिस्से में चले गए थे.

हालांकि ये मांग तब और अधिक तेज हो गई, जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार थी, नीतीश कुमार ने 2010 में इसको लेकर बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चलाया था और राज्य को विशेष दर्जा देने वाली 'किसी भी सरकार' को समर्थन देने की घोषणा की थी.

Latest and Breaking News on NDTV
2024 के लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी बहुमत से चूक गई है और अब सहयोगी दलों पर काफी निर्भर है. जदयू ने हाल ही में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर एक नया प्रस्ताव भी पारित किया था. केंद्र सरकार में जदयू के दो मंत्री हैं. पार्टी के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि प्रस्ताव में 'विशेष पैकेज और अन्य प्रकार की सहायता' की भी बात कही गई है और बिहार को नरेन्द्र मोदी सरकार से अभी भी बहुत कुछ मिल सकता है.

हालांकि, राज्य में विपक्षी नेताओं को लगता है कि बिहार को ‘धोखा' दिया गया है. नीतीश के कट्टर प्रतिद्वंद्वी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद का मानना है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से केंद्र सरकार के इनकार के बाद जदयू प्रमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए.

विपक्ष के ‘इंडिया' गठबंधन के गठन में शुरुआती दौर में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश ने इस साल जनवरी में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में लौटने के पूर्व राजद के नेतृत्व वाले विपक्षी ‘महागठबंधन' से नाता तोड़ लिया था.

Latest and Breaking News on NDTV

बिहार विशेष राज्य के दर्जे की योग्यता नहीं रखता- वित्त राज्य मंत्री
लोकसभा में मानसून सत्र के पहले दिन एक लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा था कि अतीत में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) ने कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में कुछ ऐसी विशेषताएं थीं जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी. इनमें पर्वतीय और दुर्गम भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या आदिवासी जनसंख्या की बड़ी हिस्सेदारी, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और बुनियादी संरचना के लिहाज से पिछड़ापन और राज्य के वित्त की अलाभकारी प्रकृति शामिल रहीं हैं.

विशेष पैकेज से बिहार का तेज विकास
विशेष श्रेणी के दर्जे के बिहार के अनुरोध पर पहले एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. आईएमजी ने ये निष्कर्ष निकाला था कि एनडीसी के मौजूदा मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है. लेकिन अब राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए विशेष पैकेज के जरिए ही विकास बिहार में तेज गति से दौड़ेगा.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी खत्म करने के लिए 5 करोड़ दो, वरना बाबा सिद्दीकी से बुरा हाल : सलमान खान को धमकी
बजट में बिहार के लिए बहार है, विनर बस नीतीशे कुमार हैं
चंडीगढ़ में आज हरियाणा बीजेपी नेताओं की बैठक, शपथ ग्रहण की तैयारियों पर होगी चर्चा
Next Article
चंडीगढ़ में आज हरियाणा बीजेपी नेताओं की बैठक, शपथ ग्रहण की तैयारियों पर होगी चर्चा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com