मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन से जो भयावह तस्वीरें सामने आईं उसने पूरे देश को झकझोर दिया. 15 साल की एक बच्ची आधे कपड़ों में, बलात्कार के बाद घायल अवस्था में मदद के लिए घर-घर गई. लेकिन मदद नहीं मिली. 72 घंटे बाद भी आरोपी तो नहीं पकड़ा गया लेकिन पुलिस के बयान और दस्तावेजों में कई विसंगतियां सामने आई है. उज्जैन पुलिस का कहना है कि 5 टीमें आरोपियों की तलाश कर रही हैं. ये भी पता लगा है कि पीड़ित मध्य प्रदेश के ही एक जिले की है.जो कि उज्जैन से 700 किलोमीटर दूर है.
एसपी सचिन शर्मा ने क्या कहा था?
उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि पीड़िता रविवार दोपहर को उज्जैन के लिए रवाना हुई. उसके गृह जिले से उज्जैन की यात्रा का समय लगभग 12 घंटे का है. और इस घटना की सूचना अगली सुबह दी गई. उज्जैन पहुंचने के बाद, वह सड़कों पर घूम रही थी. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवेश सिंह बघेल ने कहा कि वो बाबा के साथ रहती है जो बकरी चराने का काम करते हैं, मां साथ नहीं रहती उसका एक बड़ा भाई भी है. जैसे ही पता लगा उसने क्या ड्रेस पहनी थी एक टीम रवाना हुई है बच्ची और परिजनों से पूछताछ करके आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस के बयान में विरोधाभास
पूरे मामले पर पुलिस जो कह रही है उसमें विरोधाभास है. बुधवार शाम...उज्जैन एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि बच्ची अपना नाम-पता नहीं बता पा रही है. उन्होंने कहा था कि उसके उच्चारण से पता चलता है कि वह उत्तर प्रदेश से है. हालांकि, एफआईआर में उसका नाम और उसके पिता का नाम बताया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अब एनडीटीवी को बताया कि लड़की आठवीं कक्षा की छात्रा है और अपने दादा और बड़े भाई के साथ रहती है. पुलिस अधिकारी ने कहा, वह रविवार को लापता हो गई थी और उसके परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस के पास कई सवालों के नहीं हैं जवाब
पुलिस जांच के दौरान जो नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उसमें लड़की को उज्जैन के पास घूमते हुए देखा जा सकता है. नई तस्वीरों में वो सुबह 3 बजे स्कूल यूनिफॉर्म में दिखती है. लेकिन कुछ घंटों बाद, उसे सीसीटीवी में आधे कपड़ों में, खून से लथपथ देखा गया. इससे पता चलता है कि अपराध सोमवार सुबह हुआ. ये भी कि वहां के लोगों ने उसकी कोई मदद नहीं की. लेकिन जब उज्जैन के पुलिस अधीक्षक से इस चौंकाने वाले दृश्यों के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब कम चौंकाने वाला नहीं था, उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उसकी आर्थिक मदद की. उज्जैन एसपी ने कहा कि हमने वीडियो का पता लगाया और उस इलाके के लोगों से पूछताछ की. जब हमने उसे पाया, तो उसके पास 120 रुपये थे जो इलाके के लोगों ने उसे दिए थे.
मैंने उसे अपने कपड़े दिये. उसका खून बह रहा था. वह बोल नहीं पा रही थी. उसकी आंखें सूजी हुई थीं. मैंने 100 हेल्पलाइन पर कॉल किया. जब मैं हेल्पलाइन पर पुलिस तक नहीं पहुंच सका, तो मैंने महाकाल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और उन्हें स्थिति के बारे में सूचित किया. करीब 20 मिनट में पुलिस आश्रम पहुंच गई, जब भी कोई और उसके पास आता तो वह मेरे पीछे छिपने की कोशिश करती. तभी पुलिस आई और उसे अपने साथ ले गई.
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