एक कमरे में दो क्लास, ये है बिहार की शिक्षा व्यवस्था!

बिहार की शिक्षा व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं है. ये बात किसी से छिपी नहीं है. लेकिन क्या आपने एक क्लास रूम में दो अलग-अलग क्लास के बच्चों को पढ़ाई करते पहले कभी देखा था?

पटना:

बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और बच्चों के भविष्य बेहतर करने के लिए हर दिन सुविधा विस्तार करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन इस बीच आपको कटिहार से शिक्षा विभाग के ऐसे अजब-गजब तस्वीर दिखा रहे हैं जिसे देख कर आप कहेंगे यह मजाक नहीं तो क्या है. और अगर यह मजाक ही है इस मजाक का जिम्मेदार कौन है? दरअसल कटिहार जिला के मनिहारी प्रखंड के उर्दू प्राथमिक विद्यालय को साल 2017 में विश्वनाथ चौधरी आदर्श मध्य विद्यालय आजमपुर गोला में शिफ्ट कर दिया गया था.

लेकिन शिफ्ट कर दिए जाने के बाद से ही नई समस्या उत्पन्न हो गई है विश्वनाथ चौधरी आदर्श मध्य विद्यालय आजमपुर गोला के पास पहले से ही कमरों की कमी थी. इसलिए प्रशासनिक आदेश के बाद कक्षा 1 से लेकर 5 तक के लिए सिर्फ एक ही कमरा दिया गया था.  तब से लेकर आज तक एक ही कमरे में ही कक्षा 1 से लेकर 5 तक के कक्षा संचालित हो रहा है.

 जहां एक ही ब्लैक बोर्ड में एक साथ शिक्षक हिंदी और उर्दू की पढ़ाई बच्चों को करवाते हैं. बताते चले उर्दू प्राथमिक विद्यालय मनिहारी में तीन शिक्षक पदस्थापित हैं और जब कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चों को पढ़ाना पड़ता है तब एक शिक्षक के द्वारा छात्र-छात्राओं की अनुशासन में रखा जाता है. जबकि दूसरे और तीसरे शिक्षक एक ही साथ एक ही ब्लैक बोर्ड में दो अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं.

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