
बार्क (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता.
खास बातें
- टीआरपी घोटाले में जेल में बंद हैं दासगुप्ता
- मुंबई हाईकोर्ट में भी लगाई है अर्जी
- सुप्रीम कोर्ट ने टाली सुनवाई
टीआरपी घोटाले में आरोपी बार्क (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने मेडिकल आधार पर जमानत पर रिहा करने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले की सुनवाई टाल दी क्योंकि पक्षकार की ओर से अनुरोध किया गया था. पार्थो दासगुप्ता टीआरपी घोटाले (TRP Scam) के मुख्य आरोपियों में से है. दासगुप्ता (Partho Dasgupta) ने स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का हवाला देते हुए जेल से बाहर निकालने की गुहार लगाई है.
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बता दें, दासगुप्ता को बीमारी के इलाज के लिए मुंबई के जे जे अस्पताल में दाखिल कराया गया था. इसके बाद ही जमानत पर रिहा करने के लिए अर्जी लगाई गई है. हालांकि, एक जमानत अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने भी लगाई गई है.
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बंबई उच्च न्यायालय ने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) के कथित फर्जी घोटाले में आरोपी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थो दासगुप्ता की अर्जी पर सुनवाई नौ फरवरी के लिए स्थगित कर दी है. दासगुप्ता ने यह दलील देते हुए जमानत का अनुरोध किया था कि इस मामले में अन्य सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं.
मुम्बई पुलिस की अपराध शाखा ने उन्हें पिछले साल 24 दिसंबर में टीआरपी मामले में गिरफ्तार किया था. मंगलवार को दासगुप्ता के वकीलों ने अदालत से कहा कि बार्क के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मेरूदंड की समस्या है और उन्हें चिकित्सकीय देखरेख की जरूरत है.
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