विज्ञापन

केंद्र ने बंगाल के 2 लाख करोड़ रुपये रोके... TMC सांसदों का संसद में प्रदर्शन, जानिए क्या कहा

सोमवार को संसद में टीएमसी के सांसदों ने केंद्रीय योजनाओं के फंड की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान सांसदों ने बताया कि केंद्र ने बंगाल का 2 लाख करोड़ रुपए रोक रखा है.

केंद्र ने बंगाल के 2 लाख करोड़ रुपये रोके... TMC सांसदों का संसद में प्रदर्शन, जानिए क्या कहा
संसद में प्रदर्शन करने टीएमसी के सांसद.
  • सोमवार को संसद में TMC सांसदों ने पश्चिम बंगाल के केंद्रीय फंड रोकने का विरोध किया.
  • तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगभग दो लाख करोड़ रुपये फंड जारी न करने का आरोप लगाया है.
  • सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि मनरेगा के तहत 43 हजार करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल को अभी तक नहीं मिले हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे हफ्ते की शुरुआत हुई. संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे मातरम् पर अपनी बात रखी. इस बीच ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने संविधान सदन के गेट पर केंद्रीय फंड रोकने को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे टीएमसी सांसदों ने भारत सरकार की अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पश्चिम बंगाल को फंड्स जारी करने में हो रही देरी का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया. दरअसल इस मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों से लगातार तृणमूल कांग्रेस के सांसद संसद के अंदर और बाहर विरोध जताते रहे हैं. सोमवार को कई तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने लोक सभा और राज्य सभा में स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस भी दिया और दोनों सदनों की कार्यवाही को रोककर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की.

कीर्ति आजाद बोले- केंद्र ने बंगाल की 2 लाख करोड़ रुपए रोके

NDTV से बातचीत में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आज़ाद ने कहा, "पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्र सरकार ने अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए जरूरी करीब दो लाख करोड़ रुपये की राशि जारी नहीं की है. इसमें मनरेगा के कार्यान्वयन के लिए 43,000 करोड़ रुपये की राशि शामिल है. इस मसले पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक फैसला दे चुका है. लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार राजनीतिक वजहों से पैसे रिलीज़ नहीं कर रही है जो पश्चिम बंगाल के लोगों का हक़ है. ममता बनर्जी इसके लिए लड़ाई लड़ती रहेंगी".

सरकार का कहना- बंगाल मनरेगा में फेल, इसलिए रोके फंड

उधर केंद्रीय सरकार का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के प्रभावी क्रियान्वयन में बुरी तरह विफल रही है. 2019 से 2022 के बीच केंद्र की टीमों ने पश्चिम बंगाल के 19 जिलों में जांच की, जिसमें मनरेगा के कार्यों में भारी अनियमितताएं पाई गईं. इनमें कार्यस्थल पर वास्तविक कार्य न होना, नियम विरुद्ध कामों को हिस्सों में तोड़ना, धन की हेराफेरी जैसी गंभीर बातें उजागर हुईं. 

सरकार ने कहा- बार-बार कहने के बाद बंगाल में नहीं हुआ सुधार

इसी के चलते ग्रामीण विकास मंत्रालय को मनरेगा अधिनियम की धारा 27 के तहत 09 मार्च, 2022 से पश्चिम बंगाल का फंड रिलीज़ करना रोकना पड़ा है. ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक, बार-बार अनुरोध के बावजूद पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने सुधार या पारदर्शिता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. पश्चिम बंगाल सरकार विश्वास, जिम्मेदारी और पारदर्शिता पर पूरी तरह विफल साबित हुई है.

यह भी पढ़ें - मनरेगा कार्यों में मिली भारी अनियमितताएं, रोकना पड़ा पश्चिम बंगाल का फंड: शिवराज सिंह चौहान

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com