मुंबई के समीप एक एक्सप्रेस ट्रेन में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल की कथित गोलीबारी में मारे गये तीन यात्रियों में एक असगर अब्बास शेख के शोक संतप्त रिश्तेदारों ने शव लेने से इनकार कर दिया और शाम में यहां एक अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया. असगर शेख के छोटे भाई मोहम्मद अमानुल्लाह शेख ने बताया कि उनका परिवार तब तक शव को नहीं लेगा जब तक रेलवे मुआवजे की घोषणा नहीं करता, शव को जयपुर ले जाने की व्यवस्था नहीं करता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन नहीं देता.
बाद में, मोहम्मद अमानुल्लाह शेख ने कहा कि उनके भाई का शव कांदिवली स्थित महानगरपालिका संचालित शताब्दी अस्पताल से मध्य मुंबई के जे जे अस्पताल ले जाया गया तथा उनका परिवार वहां प्रदर्शन जारी रखेगा.
पश्चिम रेलवे ने रात में कहा कि उसने मृतक की पत्नी के बचत बैंक खाते में डिजिटल तरीके से 10 लाख रुपये अंतरित कर दिये हैं. पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने कहा कि इतनी ही राशि अन्य मृतकों के परिवारों को भी दी गयी है.
अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबल चेतन सिंह (34) ने सोमवार तड़के मुंबई के बाहरी इलाके में पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में आरपीएफ के अपने वरिष्ठ सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा तथा तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है.
मोहम्मद शेख ने कहा, ‘‘उनके (असगर शेख) 12 साल से कम उम्र के पांच बच्चे हैं लेकिन रेलवे ने न तो उनके लिए किसी मुआवजे की घोषणा की है और न ही परिवार के किसी सदस्य के लिए नौकरी का आश्वासन दिया है. उन्होंने शव को जयपुर ले जाने के लिए कोई इंतजाम भी नहीं किया है. हम तब तक शव नहीं लेंगे जब तक हमारी मांग नहीं पूरी हो जाती है.''
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