
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनावी हलफनामे से जुड़े मामले में झटका देते हुए 2019 के अपने फैसले की समीक्षा करने से इनकार कर दिया है. फड़णवीस पर 2014 के चुनावी हलफनामे में कथित रूप से अपने खिलाफ लंबित दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने का आरोप है. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में 2019 में फडणवीस के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था, जिसकी समीक्षा के लिए फड़णवीस ने याचिका दायर की थी.
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18 फरवरी को खुली अदालत में सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा गया था. बता दें कि फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से 1 अक्टूबर 2019 के उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था जिसमें 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने के मामले में नागपुर की कोर्ट को ट्रायल फिर से चलाने का आदेश दिया गया था.
ये दोनों मामले नागपुर के हैं. एक मानहानि है जबकि दूसरी ठगी का है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि फडणवीस ने जानबूझकर यह जानकारी छिपाई थी. जानकारी के लिए बता दें कि वकील सतीश उके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि 2014 के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय में फडणवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई थी.
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