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शिमला से 4 गुना और देहरादून से 2 गुना जहरीली दिल्ली की हवा, नोएडा-गाजियाबाद में भी इमरजेंसी जैसी हालात

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गाज़ियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां AQI 548 दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. नोएडा (AQI 468), दिल्ली (445) मेरठ (376), मुज़फ्फरनगर (375) और हापुड़ (373) भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में हैं.

शिमला से 4 गुना और देहरादून से 2 गुना जहरीली दिल्ली की हवा, नोएडा-गाजियाबाद में भी इमरजेंसी जैसी हालात
  • गाज़ियाबाद में AQI 548 दर्ज किया गया है, जो गंभीर प्रदूषण श्रेणी में आता है.
  • दिल्ली का AQI 445 है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है.
  • पराली जलना, वाहन प्रदूषण, कंस्ट्रक्शन धूल, और औद्योगिक उत्सर्जन हवा की खराब गुणवत्ता के मुख्य कारण हैं.
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नई दिल्ली:

दिल्ली-NCR और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गाज़ियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां AQI 548 दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर' श्रेणी में आता है. नोएडा (AQI 468), मेरठ (376), मुज़फ्फरनगर (375) और हापुड़ (373) भी ‘बहुत खराब' श्रेणी में हैं. राजधानी दिल्ली का AQI 445 है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. वहीं पहाड़ी क्षेत्रों से इसकी तुलना की जाए तो दिल्ली की हवा शिमला से 4 गुना और देहरादून से 2 गुना ज्यादा जहरीली है.  

गाज़ियाबाद- 548 

नोएडा- 468

शिमला- 102

देहरादून- 178

दिल्ली- 445

लखनऊ- 384

कोलकाता- 365 

जयपुर- 345

दिल्ली की हवा इतनी जहरीली क्यों हो गई?

पराली जलने का धुआं

वाहन प्रदूषण

कंस्ट्रक्शन की धूल

सर्द मौसम में हवा का नीचे रुक जाना

इंडस्ट्रियल उत्सर्जन

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AQI स्तर और स्वास्थ्य पर असर

0-50 (अच्छा): इस स्तर पर हवा की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है और स्वास्थ्य पर लगभग कोई असर नहीं पड़ता.

51-100 (संतोषजनक): हवा संतोषजनक होती है, लेकिन संवेदनशील लोगों को हल्की सांस लेने में परेशानी हो सकती है.

101-200 (मध्यम): इस श्रेणी में फेफड़ों की बीमारी, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में असुविधा हो सकती है.

201-300 (खराब): लंबे समय तक इस स्तर की हवा में रहने पर अधिकांश लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है.

301-400 (बहुत खराब): इस श्रेणी में लंबे समय तक रहने से श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

401-500 (गंभीर): यह सबसे खतरनाक स्तर है, जिसमें स्वस्थ लोगों पर भी असर पड़ता है और पहले से बीमार लोगों पर गंभीर प्रभाव होता है.

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विशेषज्ञों की चेतावनी 

इस स्तर का प्रदूषण सांस की बीमारियों, आंखों में जलन और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है. बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है.

प्रदूषण के चलते दिल्ली का मैच मुंबई ट्रांसफर

दिल्ली में प्रदूषण से हालात इतने खराब हैं कि दिल्ली-एनसीआर में कई स्कूलों को घर से चलाया जा रहा है. यही नहीं कई दफ्तरों के कर्मचारी भी बढ़ते प्रदूषण की वजह से घर से काम करने के लिए मजबूर हो गए हैं. इसके अलावा प्रदूषण की मार क्रिकेट पर भी पड़ने लगी है. BCCI ने दिल्ली में खेले जाने वाले अंडर 23 वनडे टूर्नामेंट के नॉकआउट राउंड के मुकाबले को मुंबई ट्रांसफर किया गया है. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से खतरनाक वायु गुणवत्ता के स्तरों का हवाला देते हुए दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में आउटडोर खेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया गया था.

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