मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कल देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. शाह ने रामनवमी के बाद सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, सचिव नियाज फारूकी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी और प्रोफेसर अख्तरुल वासे ने किया.
नियाज फारूकी ने NDTV से कहा कि, प्रतिनिधिमंडल ने देश के सामने मौजूद 14 चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, बैठक में बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में सांप्रदायिक हिंसा की हाल की घटनाएं चर्चा के प्रमुख विषयों में थीं.
नियाज फारूकी ने कहा, "यह उससे अलग अमित शाह थे, जिन्हें हम राजनीतिक भाषण देते हुए देखते हैं. उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. उन्होंने हमें विस्तार से सुना, वे इनकार के मूड में नहीं थे."
देश में रामनवमी के जुलूसों के दौरान हिंसा की कई घटनाएं हुईं, जिनमें से कई गैर-बीजेपी शासित राज्यों में हुईं. विपक्षी दलों ने कहा है कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए हिंसा को अंजाम दिया. दूसरी तरफ भाजपा ने आरोप लगाया है कि उनकी रैलियों पर हमला किया गया था.
फारूकी ने कहा कि, मुस्लिम नेताओं ने बिहार के नालंदा में हुई एक मदरसे में आग लगाने की घटना का मुद्दा भी उठाया.
बैठक में राजस्थान के भरतपुर के निवासी जुनैद और नासिर की हत्या पर भी चर्चा हुई. नासिर (25) और जुनैद (35) का 15 फरवरी को गो रक्षकों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था. उनके शव अगले दिन की सुबह हरियाणा के भिवानी में एक जली हुई कार में पाए गए थे.
मुस्लिम नेता ने कहा कि, ''भाजपा नेताओं की ओर से नफरत फैलाने वाले भाषण भी दिए गए थे. इस पर उन्होंने हमसे कहा कि सभी प्रकार के लोग हैं, इसलिए सभी को एक ही चश्मे से देखना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि, सरकार इसमें शामिल नहीं थी.''
फारूकी ने कहा कि, ''हमने उनसे कहा कि आपकी चुप्पी से मुसलमानों में निराशा होती है. उन्होंने कहा कि वे इस पर गौर करेंगे.'' फारूकी ने बताया, ''शाह ने कहा, हमने किसी नेता को निशाना नहीं बनाया, यह हमारा लक्ष्य नहीं है. हमारा लक्ष्य सहयोग बनाना और देश में माहौल बदलना है.''
नियाज फारूकी ने कहा, ''बैठक में समलैंगिक विवाह और समान नागरिक संहिता के विषयों पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, हमने अपना पक्ष रखा, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी."
यह पूछे जाने पर कि गृह मंत्री के साथ बैठक के बाद मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल कितना संतुष्ट है? फारूकी ने कहा कि, यह एक "ब्रेकिंग आइस" बैठक थी. ''हमने एक पहल की है, हम सरकार की ओर से कुछ नहीं कह रहे हैं. शाह ने कहा, मैं जो कहता हूं, उसका अभ्यास भी करता हूं. तो, देखते हैं."
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