मुस्लिम धर्मगुरुओं का एक प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री अमित शाह से मिला है. ये बैठक मंगलवार देर रात 11 बजे हुई थी. बताया जा रहा है कि इसमें देश में बढ़ रहे इस्लामोफोबिया पर चर्चा हुई है. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मौलाना महमूद मदनी ने किया. डेलिगेशन में मौलाना मदनी के अलावा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फ़ारूक़ी, नियाज़ फ़ारूक़ी और प्रो अख़्तरूल वासे शामिल थे.
गृहमंत्री के साथ बैठक में रामनवमी पर बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र में हुई हिंसा और बिहार के नालंदा में मदरसे को आग लगाने को लेकर चर्चा हुई. साथ ही समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) और समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर भी चर्चा हुई. मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने अमित शाह को मुसलमानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रजेंटेशन भी दी.
मुलाकात के दौरान हरियाणा में जुनैद और नासिर को ज़िंदा जलाकर मारने पर चर्चा हुई. साथ ही मुस्लिम धर्मगुरुओं ने गृहमंत्री अमित शाह के सामने बीजेपी नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि अक्सर सरकार की चुप्पी मुसलमानों को तकलीफ़ देती है.
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि लिचिंग और हेट स्पीच जैसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रतिनिधिमंडल ने कर्नाटक में पसमांदा मुसलमानों के आरक्षण को ख़त्म करने को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की. यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को लेकर धर्म गुरुओं ने अमित शाह से उनका रुख जानने की कोशिश की, हालांकि गृहमंत्री ने इस पर फिलहाल कुछ भी कहने से मना कर दिया.
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