तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का मामला अब राजनीतिक मुद्दा बनता दिख रहा है. इस मामले को लेकर NDTV ने JDU के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी से बातचीत की. केसी त्यागी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ये मामला भी बेहद गंभीर है. महुआ मोइत्रा संसद की बहुत मुखर सांसदों में से एक हैं. संसद के अंदर उनकी आवाज जनता की आवाज है. लिहाजा बहुत गंभीर है.
"एथिक्स कमेटी उचित फैसला करेगा"
केसी त्यागी ने आगे कहा कि पहले भी कई संसद सदस्यों की सदस्यता इस मामले को लेकर जा चुकी है. खासकर पैसा लेकर सवाल पूछने के बदले में. यह मामला भी बेहद गंभीर है . मामला चूंकि एथिक्स कमेटी को सौंपा गया है जिसमें वरिष्ठ सांसदों की हिस्सेदारी होती है, मुझे उम्मीद है कि एथिक्स कमेटी सब लोगों से बात करके कोई इसमें उचित फैसला करेगी. समानता इसकी होती है कि यह साबित हो जाए कि संसद या संसद सदस्य किसी नियत से पैसे लेकर सवाल पूछने के दोषी हैं.
"पैसे लेकर सवाल पूछना गंभीर मामला"
किसी औद्योगिक घराने के बारे में सवाल पूछना कोई एथिक्स का मामला नहीं है लेकिन अगर पैसे लेकर सवाल पूछे गए तो यह मामला गंभीर बनता है. ऐसे मामलों पर जो एथिक्स कमेटी से जुड़ी हो जो आचरण से जुड़ी हो ऐसे मामलों में पार्टियां न समर्थन करती हैं ना विरोध करती हैं. मामला जब एथिक्स कमेटी के पास चला जाता है तो फिर माननीय सदस्यों का विवेक ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.
हाई कोर्ट में टली सुनवाई
बता दें कि आज इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सांसद महुआ मोइत्रा मामले की सुनवाई होनी थी. लेकिन वो अब टल गई है. अब इस मामले में 31 अक्टूबर को सुनवाई होगी. बता दें कि हाईकोर्ट को मानहानी मामले में सुनवाई करनी थी. इन सब के बीच महुआ के वकील न अपना नाम वापस ले लिया है. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा दायर मानहानि याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान फिलहाल इस मामले की सुनवाई को टाल दिया गया है. इस मामले की सुनवाई के स्थगित होने का मतलब ये हुआ कि यथास्थिति बनी रहेगी, यानी कि मीडिया और सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी खबर चलाने पर रोक नहीं है.
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