रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ की सुनवाई पूरी होने के बाद रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग पर अदालत सुनवाई करेगी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी. स्वामी ने कहा कि रामसेतु मामला फाइनल स्टेज पर है. इस पर अदालत तत्काल सुनवाई करे. जवाब में पीठ ने कहा कि संविधान पीठ में सुनवाई के बाद अदालत मामले पर सुनवाई करेगी.
19 जनवरी को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श जारी है. संस्कृति मंत्रालय में इस प्रस्ताव पर फैसले के लिए विचार जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को कहा था कि वो अपने दस्तावेज व सामग्री सरकार को दे सकते हैं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बयानों को रिकॉर्ड पर ले लिया था. याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि पिछली सुनवाई में SG मेहता ने कहा था कि एक दिसंबर तक जवाब दाखिल करेंगे. इस मामले में कैबिनेट सेकेट्री को तलब किया जाना चाहिए.
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने SG से कहा था कि स्वामी कह रहे हैं कि आपने अपना वादा पूरा नहीं किया. 10 नवंबर 2022 को भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि वो चार हफ्ते में याचिका पर हलफनामा दाखिल करे. इसके बाद दो हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाएगा. हालांकि, याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल उठाया कि कई सालों से मामला अटका पड़ा है. सरकार को बस इतना बताना है कि वो रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक घोषित करना चाहती है या नहीं. दरअसल, स्वामी ने 2020 में भी रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी.
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