दिल्ली में नए संसद भवन (New Parliament Building) में स्तापित राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem) को लेकर विवाद शुरू हो गया है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि नए संसद भवन में राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदल दिया गया है. इस पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने विपक्ष को सिलसिलेवार ट्वीट करके जवाब दिया है.
राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि यदि सारनाथ में स्थित राष्ट्रीय प्रतीक (Sarnath Emblem ) के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर बने प्रतीक के आकार को छोटा किया जाए, तो दोनों में कोई अंतर नहीं होगा.
विपक्षी पार्टिंयों का कहना है कि अशोक की लाट के ‘मोहक और राजसी शान वाले' शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण करके राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदल दिया गया है. विपक्ष ने इसे तत्काल बदलने की मांग की है.
Sense of proportion & perspective.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 12, 2022
Beauty is famously regarded as lying in the eyes of the beholder.
So is the case with calm & anger.
The original #Sarnath #Emblem is 1.6 mtr high whereas the emblem on the top of the #NewParliamentBuilding is huge at 6.5 mtrs height. pic.twitter.com/JsAEUSrjtR
हरदीप सिंह पुरी के मंत्रालय पर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण की जिम्मेदारी है. पुरी ने कहा कि दो संरचनाओं की तुलना करते समय कोण, ऊंचाई और माप के प्रभाव की सराहना करने की आवश्यकता है.
If an exact replica of the original were to be placed on the new building, it would barely be visible beyond the peripheral rail.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 12, 2022
The 'experts' should also know that the original placed in Sarnath is at ground level while the new emblem is at a height of 33 mtrs from ground. pic.twitter.com/JLxMMMAq80
पुरी ने ट्वीट किया कि यदि कोई व्यक्ति नीचे से सारनाथ प्रतीक को देखता है, तो वह उतना ही शांत या क्रोधित दिखाई देगा, जितना बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि मूल प्रतीक की वास्तविक प्रतिकृति नई इमारत पर लगाई जाती है, तो वह दूर से नहीं दिखाई देगी. उन्होंने कहा कि 'विशेषज्ञों' को यह भी पता होना चाहिए कि सारनाथ में रखा गया मूल प्रतीक जमीन पर है जबकि नया प्रतीक जमीन से 33 मीटर की ऊंचाई पर है.
केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'अगर सारनाथ में स्थित प्रतीक चिन्ह के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर लगे प्रतीक के आकार को छोटा कर दिया जाए तो दोनों में कोई फर्क नहीं दिखेगा.''
One needs to appreciate the impact of angle, height & scale when comparing the two structures.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 12, 2022
If one looks at the Sarnath emblem from below it would look as calm or angry as the one being discussed. pic.twitter.com/Ur4FkMEPLG
हरदीप सिंह पुरी ने सारनाथ में स्थित राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह की एक तस्वीर भी ट्वीट की है.
पीएम मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था. इसके बाद विपक्षी दलों ने प्रतीक के स्वरूप को लेकर आरोप लगाने का सिलसिला शुरू कर दिया.
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