नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जामिया में चल रहे प्रदर्शन में फिल्मकार अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) पहुंचे और छात्रों को संबोधित किया. अनुराग कश्यप ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) जाकर उन्हें लगा कि वह 'जिंदा' हैं. सीएए के खिलाफ आगे रहने वाले फिल्म निर्देशक ने छात्रों को विश्वास दिलाया कि वह इस लंबी लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा, 'मैं पहली बार यहां आया हूं. अगर हम पिछले तीन महीने की बात करें तो मुझे लगता था कि हम मर गए हैं, लेकिन आज यहां आकर मुझे लगा कि हम जिंदा हैं.' कश्यप ने कहा कि यह लड़ाई संविधान, देश और सभी चीजों को वापस पाने की है.
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उन्होंने कहा, 'यह बहुत लंबी लड़ाई है. यह कल, परसों या अगले चुनाव के साथ खत्म नहीं होगी, लेकिन आपको इसके लिए बहुत धीरज रखना होगा. वे इंतजार कर रहे हैं कि यहां लोग थककर घर चले जाएं. इसलिए हमें धैर्य रखना होगा और अपने रुख पर कायम रहना होगा.' 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'देव डी' जैसी फिल्में बनाने वाले मुखर फिल्मकार अनुराग कश्यप शाहीन बाग भी गए. उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग प्रदर्शनकारियों के हौसले पस्त होने का इंतजार कर रहे हैं.
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'हमें धैर्य रखना होगा और हम तब तक प्रदर्शन करेंगे जब तक आप नहीं आते और हमारे दिलों में मौजूद सारे सवालों के जवाब हमें तसल्ली होने तक नहीं देते. हम आपकी हर बात नहीं मानेंगे.' जामिया के छात्र कथित पुलिस कार्रवाई के मामलों के विरोध में भी प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 10 फरवरी को पुलिसकर्मियों ने उनके गुप्तांगों पर चोट पहुंचाई, छात्राओं के हिजाब उतार दिए, उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़े किए और जब उन्होंने 10 फरवरी को सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ संसद तक मार्च निकालने का प्रयास किया तो उनके साथ गाली गलौच की गई.
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कश्यप ने कहा कि उन्होंने ट्विटर हैंडल बंद कर दिया था, लेकिन दिसंबर में जब पुलिस ने जामिया परिसर में कथित तौर पर छात्रों पर कार्रवाई की तो वे फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लौट आए. उन्होंने कहा, 'मैंने सबकुछ छोड़ दिया था, लेकिन दिसंबर में जामिया में जो कुछ हुआ, उसके बाद मेरा मन बदल गया. मैंने एक लड़की का वीडियो देखा और उससे मुझे ट्विटर पर लौटने की हिम्मत आई. अब मैं चुप नहीं रहूंगा.' कश्यप ने कहा कि जामिया में जो शुरुआत हुई थी वो देश के अनेक हिस्सों में पहुंच गई है.
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