मध्य रेलवे के भुसावल मंडल में मध्यप्रदेश के नेपानगर और खंडवा के बीच साग फाटा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर लगाए जा के मामले में रेलवे ने कहा है कि डेटोनेटर रेलवे के ही हैं लेकिन वे जहां मिले वहां उन्हें नहीं होना चाहिए था. इस मामले की जांच की जा रही है. यह घटना 18 सितंबर को हुई थी लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है.
मध्य रेलवे के सीपीआरओ (CPRO) डॉ स्वप्निल नीला ने कहा कि, जो डेटोनेटर मिले हैं वह रेलवे में इस्तेमाल किए जाने वाले डेटोनेटर ही हैं, जिसे पटाखा कहा जाता है. रेलवे इसे ट्रैक पर कोई बाधा आने या कोहरे के दौरान ही लगाती है ताकि उसकी आवाज से मोटरमैन सतर्क हो जाए. मतलब यह सिग्नल का काम करते हैं. रेलवे इसका अक्सर इस्तेमाल करता है.
उन्होंने कहा कि, लेकिन यह डिटोनेटर जिस साग फाटा के पास लगाए गए थे वहां इन्हें लगाने का कोई औचित्य नहीं था, इसलिए आरपीएफ इसकी जांच कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक जहां डेटोनेटर लगे थे वहां से सेना के जवानों को लेकर रेल गाड़ी गुजरने वाली थी. हालांकि ट्रेन के गुजरने से पहले ही डेटोनेटर का पता चल गया. इससे रेलवे सतर्क हो गया और आरपीएफ ने मौके पर पहुंचकर उन्हें हटा दिया. अब इसकी जांच की जा रही है. मौके से करीब दस डेटोनेटर मिले. रेलवे का दावा है कि उन डेटोनेटरों से ट्रेन को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है.
(जलगांव से मंगेश जोशी की रिपोर्ट)
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