बीजेपी के नेता और सांसद वरुण गांधी ने एक बाद फिर अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया है कि ससंद में सरकार द्वारा दिए गए यह आंकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं. विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है.जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है?
बता दें कि केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरी को लेकर लोकसभा में एक आंकड़ा पेश किया है. इस आंकड़े में बताया गया है कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तब से अब तक अलग-अलग सरकारी विभागों में कुल 7 लाख 22 हजार 311 आवेदकों को सरकारी नौकरी दी गई है. जबकि इस अवधि में इन नौकरियों के लिए आवेदकों की कुल संख्या 22 करोड़ 6 लाख है. सरकार की तरफ से दिए ये आंकड़े हर साल के हिसाब से हैं. सरकार की तरफ से दिए आंकड़ों में वर्ष 2014-15 में कुल 1,30,423 को, 2015-16 में 1,11,807 को, 2016-17 में 1,01, 333 , 2017-18 में 76,147 को , 2018-19 में 38,100 को, 2019 -20 में 1,47,096 को , 2020 -21 को 78,555 और 2021 -22 में 38,850 आवेदकों को नौकरी दी. इस तरह से इन वर्षों में जिनको नौकर मिली है ऐसे आवेदकों की कुल संख्या 7 लाख 22 हजार 311 है.
सरकार ने अपने आंकड़ों में ये भी बताया कि आखिर इसी अवधि में किस वर्ष कितने आवेदकों ने आवेदन किया था. सरकार ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2014-15 में नौकरी के लिए 2,32,22083 ने, 2015-16 में 2,95,51,844 ने, 2016-17 में 2,28,99,612 ने, 2017-18 में 3,94,76,878 ने, 2018 -19 में 5,09,36,479, 2019-20 में 1,78,39,752, 2020 -21 में 1,80,01, 469 और 2021-22 में 1,86,71,121 आवेदकों ने अलग-अलग नौकरियों के लिए आवेदन किया है. इस तरह से 2014 से 2022 तक कुल आवेदकों की संख्या 22 करोड़, 5 लाख, 99 हजार और 238 है
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