- सुप्रीम कोर्ट ने ISIS विचारधारा फैलाने और आतंकी साजिश के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी.
- आरोपी पर गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज है और वह दो साल से जेल में है.
- अदालत ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि ट्रायल दो साल के भीतर पूर्ण रूप से पूरा करे.
सुप्रीम कोर्ट ने ISIS विचारधारा फैलाने की साजिश मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि संदेश देने के लिए यह सबसे अच्छी सुबह है. दरअसल आरोपी की ओर से वकील ने लाल किला के पास हुए धमाके की घटना का हवाला देते हुए कहा कि सोमवार की घटना के बाद आज इस मामले पर तर्क करना अच्छा नहीं है. इस पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि संदेश देने के लिए यह सबसे अच्छी सुबह है.
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दो साल से अधिक समय से जेल में बंद है आरोपी
सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया जिस पर ISIS की विचारधारा को बढ़ावा देने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की साजिश रचने का आरोप है.आरोपी पर गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत मामला दर्ज है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया.यह याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें उसे जमानत देने से मना किया गया था.बता दें कि आरोपी पिछले दो साल से अधिक समय से जेल में बंद है.
2 साल के भीतर ट्रायल पूरा करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, और यह ध्यान में रखते हुए कि आरोपी दो साल से अधिक समय से हिरासत में है और 64 प्रस्तावित गवाहों में से 19 की गवाही हो चुकी है, जबकि चार्जशीट में 94 गवाहों का जिक्र है. कोर्ट ने कहा कि हम निचली अदालत को निर्देश देते हैं कि वह ट्रायल दो साल के भीतर पूरा करे.
मामले पर तर्क के लिए ये सुबह अच्छी है
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अभियोजन और बचाव पक्ष पूर्ण सहयोग करें. अगर ट्रायल दो साल में पूरा नहीं होता और देरी आरोपी की वजह से नहीं होती, तो उसे दोबारा जमानत की मांग करने की स्वतंत्रता होगी. सुनवाई की शुरुआत में वकील ने कहा कि कल की घटना के बाद आज मामले पर तर्क के लिए अच्छी सुबह नहीं है. इस पर जस्टिस मेहता ने जवाब दिया कि संदेश देने के लिए यह सबसे अच्छी सुबह है. वहीं जस्टिस नाथ ने कहा कि यह स्वीकार किया गया तथ्य है कि आपके पास से भड़काऊ सामग्री बरामद हुई है.
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