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पिछले दिनों महाकुंभ में महिलाओं के स्नान के वीडियो और फोटो वायरल हुए थे. इन फोटो और वीडियो के सौदेबाजी की बात भी सामने आई और इसके बाद टेलीग्राम विवाद के केंद्र में आ गया. यह पहली बार नहीं है जब टेलीग्राम विवादों में आया है, इससे पहले भी टेलीग्राम पेपर लीक और आतंकवाद को लेकर कई बार विवादों के केंद्र में रह चुका है. अब टेलीग्राम के कारगुजारियों की लिस्ट इतनी लंबी है कि यह सवाल उठने लगा कि क्या भारत में टेलीग्राम पर सख्त एक्शन का वक्त आ गया है. हालांकि, इससे पहले टेलीग्राम का इतिहास और भुगोल जान लेते हैं.
गंदे और अवैध एक्टिविटीज का अड्डा
- प्लेटफॉर्म पर फैल रहा अश्लील कंटेंट
- आतंकी संगठन भी करते हैं इस्तेमाल
- प्राइवेसी नियम का खराब इस्तेमाल
- एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग का गलत फायदा
- एजेंसियों के लिए निगरानी मुश्किल
- आसानी से वायरल होता है गलत कंटेंट
टेलीग्राम बना रक्तबीज
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- 'रक्तबीज' से की जाती है तुलना
- हटाने के बाद दूसरी जगह दिख जाते हैं कंटेंट
- नए ग्रुप्स और चैनल में दिख जाते हैं कंटेंट
- बड़े ग्रुप्स, चैनल्स बनाने की भी सुविधा मौजूद
- ऐप पर ग्रुप्स और चैनल्स को ट्रैक करना मुश्किल
- पूरी तरह से कंट्रोल करना है मुश्किल
क्यों नहीं हो पाती कार्रवाई?
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- एन्क्रिप्शन की वजह से नजर रखना मुश्किल
- अंतरराष्ट्रीय कंपनी होने का उठाते हैं फायदा
- अलग-अलग देशों में अलग-अलग कानून
- लगातार अपडेट होने से ग्रुप और चैनल को ट्रैक करना मुश्किल
आतंकी गतिविधियों को पनाह
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- संदेशों को एन्क्रिप्ट किया जाना
- एन्क्रिप्टेड संदेश को पकड़ना मुश्किल
- प्लानिंग के लिए आतंकी करते हैं इस्तेमाल
इन देशों में बैन है टेलीग्राम
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- यूक्रेन
- ईरान
- चीन
- थाईलैंड
- स्पेन
- नॉर्वे
टेलीग्राम पर सख्त एक्शन का वक्त ?
- ऑस्ट्रेलिया में 1 मिलियन डॉलर जुर्माना, जवाब देने में देरी
- दुनिया के कई देशों ने लगाया बैन
- यूक्रेन, स्पेन, नार्वे, चीन, थाईलैंड में भी बैन
- कुछ दिन पहले CEO पावेल दुरोव फ्रांस में गिरफ्तार
क्या कहते हैं डिजिटल एक्सपर्ट
- एथेनियन टेक के सीईओ कनिष्क गौर ने डिजिटल एक्सपर्ट के तौर पर बताया कि टेलीग्राम पर पूरी तरह लगाम क्यों नहीं लग पाता है. उन्होंने कहा, सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया गाइलाइंस हैं, जिसका इस्तेमाल करके हम टेलीग्राम पर पकड़ बना सकते हैं लेकिन इसका एनफॉर्समेंट नहीं हो रहा है और इस वजह से टेलीग्राम अभी भी भारत के रूल ब्रेक कर रहा है.
- अप्रैल 2022 में आई सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया गाइडलाइंस का इस्तेमाल करके इनको गाइडलाइन इशू किया जा सकता है. वीडियो के लिए कुछ रूल का इस्तेमाल करके भी हम टेलीग्राम से डेटा मंगा सकते हैं. टेलीग्राम के जो चीफ रेगुलेटरी ऑफिसर हैं, उनके ऊपर भी क्रिमिनल लाइबिलिटी लगाई जा सकती है.
- हालांकि, इस एक्ट का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. सरकार को इसपर एक्शन लेना होगा क्योंकि टेलीग्राम की मनमानी हो रही है और टेलीग्राम का कंटेंट वायरल हो रहा है.
- टेलीग्राम पर वायरल हो रहा कंटेंट गायब हो सकता है लेकिन इसके लिए सरकार को ऐप पर एक्शन लेना होगा.
- मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को टेलीग्राम के चीफ लीगल ऑफिसर को लीगल नोटिस भेजना चाहिए कि वो भारतीय आईटी एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं और इस तरह का कंटेंट वायरल कर रहे हैं. टेलीग्राम कंटेंट मॉडरेशन का काम सही से नहीं हो रहा है. इस एक्ट से टेलीग्राम पर लाइबिलिटी लाई जा सकती है.
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