
गणतंत्र दिवस परेड पर तेलंगाना की के. चंद्रशेखर राव सरकार को कोर्ट में राज्यपाल के खिलाफ नवीनतम राउंड में शिकस्त मिली है. हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि गणतंत्र दिवस के लिए पूर्ण परेड राजभवन के स्थान पर हैदराबाद के नियमित परेड ग्राउंड में आयोजित की जाए. राज्य सरकार ने शुरुआत में कोविड का हवाला देते हुए लगातार दूसरे साल होने वाली परेड को रद्द कर दिया था. जब राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था तो सरकार ने इसमें भी कटौती करने का निर्देश दिया था. इस स्थिति में इस साल ऐसा लगातार दूसरी बार होता जब कोविड-विरोधी प्रतिबंधों को हटाने के बावजूद, राज्यपाल, राज्य पुलिस की औपचारिक परेड का निरीक्षण नहीं कर पाते और सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में गार्ड ऑफ ऑनर नहीं ले पाते.
आज सुबह हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई जिसमें कहा गया कि सरकार, गणतंत्र दिवस परेड आयोजित करने के लिए केंद्रीय सर्कुलर का उल्लंघन कर रही है जिसे केंद्र और राज्यों ने महामारी के कारण दो साल तक छोड़ रखा था. इस साल के केंद्रीय सर्कुलर में निर्देश दिया था कि सभी राज्यों में छात्रों को शामिल करते हुए पूर्ण समारोह आयोजित किए जाएं. हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार का जवाब अभी सामने नहीं आया है.
बता दें, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने 2019 में कार्यभार संभाला है लेकिन राज्य सरकार के साथ उनके संबंध दो साल से अधिक समय से तनावपूर्व हैं जो विपक्ष शासित राज्यों में लगभग आम है. पिछले साल, राज्य सरकार के यह कहने के लिए कोविड प्रोटोकॉल के कारण परेड ग्राउंड पर समारोह नहीं हो सकता, राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस पर राजभवन में झंडा फहराया था. राज्यपाल को भाषण भेजने की परंपरा भी इस वर्ष टूट गई लगती है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि राज्यपाल कार्यालय की ओर से राज्य सरकार कहे जाने के बावजूद कोई भाषण नहीं भेजा गया है. इस घटनाक्रम से राज्यपाल खफा हैं. एक अन्य परंपरा को तोड़ते हुए, राज्यपाल 3 फरवरी को बजट सत्र की शुरुआत में विधायिका के दोनों सदनों को प्रथागत संयुक्त अभिभाषण नहीं देंगी. गौरतलब है कि तमिलनाडु में हाल ही में राज्यपाल रवि ने राज्य विधानसभा में सरकार की ओर से अनुमोदित अभिभाषण से हटकर संबोधन दिया था. इसके बाद राज्य सरकार और राजभवन के बीच पहले से टकराव वाले संबंधों में तनाव आ गया था.
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