बिहार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नालंदा मेडिकल कॉलेज (NMCH) के अधीक्षक को निलंबित किए जाने की कारवाई पर आईएमए (IMA) की पुनर्विचार की मांग को ख़ारिज कर दिया है. तेजस्वी ने रविवार को साफ़ किया कि आईएमए को भी देखना चाहिए कि जिसकी पैरवी वो कर रहे हैं, आख़िर उनके ख़िलाफ़ आरोप में कितना साक्ष्य है? इससे पूर्व आईएमए ने तेजस्वी के निलंबन के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा था और पुनर्विचार की मांग की थी.
<
"NMCH जैसे बड़े अस्पताल में क्या सुपरिटेंडेंट को डेंगू वार्ड कहाँ है, कम से कम ये पता होना चाहिए कि नहीं? 5-10साल से बड़ी संख्या में डॉक्टर्स गायब रह रहे हैं, IMA को कार्रवाई करनी चाहिए थी कि नहीं? जनता को तकलीफ होगी तो कार्रवाई होगी"
— युवा राजद (@yuva_rajad) October 16, 2022
-श्री @yadavtejashwi
(माननीय उपमुख्यमंत्री) pic.twitter.com/pLlDU119Ox
>
एक चिकित्सक को तीन दिन पहले निलंबित करने के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के आदेश को लेकर रविवार को चिकित्सा समुदाय के साथ बिहार सरकार टकराव मोल लेती प्रतीत हुई. तेजस्वी के पास चिकित्सा विभाग का भी प्रभार है. उन्होंने डेंगू के प्रसार से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार रात कई सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया. वह नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) में स्थिति को देखकर नाराज हो गए और इसके अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह को निलंबित कर दिया. डॉ. विनोद कुमार सिंह ने इस कार्रवाई को अनुचित बताया. आपको बता दें कि एनएमसीएच शहर का दूसरा सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान है.
इस मामले पर आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहजानंद प्रसाद सिंह ने फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘निलंबन बगैर सोच विचार के लिया गया फैसला है, जिसे सरकार को वापस लेना चाहिए.उन्होंने कहा, ‘मैंने निलंबन को लेकर एसोसिएशन की नाराजगी से अवगत कराते हुए कल ईमेल भेजे थे. पीड़ित पक्ष के अदालत का रुख करने पर हम इस मामले में पूरा सहयोग करेंगे. हालांकि, हमने चिकित्सकों को हड़ताल पर जाने से दूर रहने को कहा है, क्योंकि इससे मरीज प्रभावित होंगे.'
आईएमए अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलने को इच्छुक हैं. उन्होंने कहा, ‘निलंबन आदेश वापस लेना सरकार के लिए भी अच्छा रहेगा.' इस बीच, युवा उपमुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘आईएमए इस विषय को जहां चाहे, ले जाने को स्वतंत्र है. वे मेडिकल पेशे के लोगों का पक्ष लेंगे, लेकिन हम जन प्रतिनिधि हैं और जनहित में काम करेंगे. तेजस्वी ने कहा, ‘मेरे पास 705 चिकित्सकों की एक सूची है, जो लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित हैं. कुछ मामलों में यह अवधि 10-12 साल की है. क्या आईएमए उनके खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार के साथ खड़े होने की हिम्मत दिखाएगा?'
यह भी पढ़ें-
यह वीडियो भी देखें>
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं