
- भारत की नंबर वन आईटी सर्विसेज कंपनी टीसीएस ने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की गुड न्यूज दी है.
- ये खुशखबरी हाल ही में टीसीएस के 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी की खबर के बाद आई है.
- 80% कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, लेकिन Bell Curve में आने वाले 20% कर्मचारियों को नुकसान होगा.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS). भारत की नंबर वन आईटी सर्विसेज कंपनी. हाल ही में कंपनी ने ऐलान किया था कि वह करीब 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी करेगी. ये खबर आते ही कर्मचारियों में दहशत फैल गई. हालत ये हुई कि कर्नाटक के श्रम मंत्रालय को कंपनी से जबाव-तलब करना पड़ा. इस झटके के बाद, अब टीसीएस ने बड़ी खुशखबरी दी है. कंपनी ने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का ऐलान किया है. लेकिन इस खुशखबरी में एक पेच है. पेच ये कि 80 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, 20 फीसदी कर्मचारियों की नहीं. अब वो कौन कर्मचारी हैं, जिनकी सैलरी बढ़ेगी और वो कौन हैं, जिनकी सैलरी नहीं बढ़ेगी, आइए डिटेल में बताते हैं.
इन कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी
टीसीएस ने ईमेल भेजकर 80 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाए जाने की जानकारी दी है. कंपनी के चीफ एचआर ऑफिसर (CHRO) मिलिंद लक्कड़ और CHRO डेजिग्नेट के. सुदीप ने ईमेल में बताया कि यह बढ़ोतरी 1 सितंबर से लागू होगी. लेकिन किसको सैलरी हाइक का फायदा मिलेगा, और किसको नहीं. ये बड़ा सवाल है.
एनडीटीवी प्रॉफिट को पता चला है कि जूनियर से लेकर मिड-सीनियर लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी. ये बढ़ोतरी सी1, सी2 और सी3ए ब्रैकेट में होगी. इन तीनों कैटिगरी के कर्मचारियों की सालाना सैलरी (कॉस्ट-टु-कंपनी CTC) 15 लाख से लेकर 35 लाख रुपये के बीच है.
विदेश में कर्मचारियों को ज्यादा फायदा
इनमें जो कर्मचारी भारत से बाहर विदेश में काम करते हैं, उन्हें ज्यादा फायदा होगा. एनडीटीवी प्रॉफिट के मुताबिक, देश के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में 2 पर्सेंट से लेकर 4 पर्सेंट तक का इजाफा हो सकता है. वहीं, विदेश में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की सैलरी में 6 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
अच्छे काम का मिलेगा डबल इनाम!
टीसीएस भी दूसरी बड़ी कंपनियों की तरह कर्मचारियों की परफॉर्मेंस मापने के लिए bell curve मॉडल का इस्तेमाल करती है. इस मॉडल में कर्मचारियों को तीन कैटिगरी में बांटा जाता है. हाई, एवरेज और लो परफॉर्मर. जिसका ज्यादा अच्छा काम, उनकी संख्या उतनी ही कम. अच्छा परफॉर्म करने वाले कर्मचारियों को इस बार डबल डिजिट में इन्क्रीमेंट मिलने की उम्मीद है.
किन कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ेगी?
अब सवाल ये है कि वो कौन से कर्मचारी होंगे, जिनकी सैलरी नहीं बढ़ेगी. जाहिर है, जो कर्मचारी इस बेल कर्व के निचले पायदान पर होंगे, जिनकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं पाई गई है, उन्हें सैलरी में बढ़ोतरी का फायदा नहीं मिलेगा. ऐसे कर्मचारियों की संख्या करीब 20 फीसदी तक हो सकती है.
कंपनी छोड़ने वालों की संख्या बढ़ी
यहां बता दें कि टीसीएस छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में भी हाल के दिनों में बढ़ोतरी देखी गई है. इस वर्ष की जून तिमाही में 13.8 फीसदी कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी है, जबकि इससे पिछली तिमाही में ऐसे कर्मचारियों की संख्या 13.3 पर्सेंट थी. कंपनी ने 6,071 कर्मचारियों की भर्ती भी की है. इसके बाद कंपनी में कुल कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 हो गई है.
12 हजार छंटनी के लिए दिए ये तर्क
टीसीएस ने इससे पहले कंपनी को फ्यूचर रेडी बनाने का हवाला देते हुए 12 हजार से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान किया था. देश-विदेश में कंपनी के दफ्तरों में ये छंटनी की जाएगी. कंपनी ने टेक्नोलोजी में निवेश बढ़ाने, एआई तकनीक अपनाने, नई क्षेत्रों तक कंपनी को पहुंचाने और वर्कफोर्स एडजस्टमेंट पर फोकस करने की बात कही है.
छंटनी के ऐलान से इंडस्ट्री में चिंता
टीसीएस के छंटनी के ऐलान ने न सिर्फ कर्मचारियों में चिंता पैदा की बल्कि पूरी आईटी इंडस्ट्री को सोचने पर विवश कर दिया. इस तरह के सवाल उठने लगे कि यह पूरी इंडस्ट्री में किसी बड़े फेरबदल की पटकथा तो नहीं है. जिस तरह से वैश्विक बाजार में अनिश्चितताएं बढ़ी हैं, एआई का भूचाल आया है, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारी भरकम टैरिफ थोपे हैं, उसने पूरे उद्योग जगत को चिंता में डाल दिया है. भारत की टॉप आईटी सर्विस कंपनियों के घटे रेवेन्यू ने इस आग में घी का काम किया है. वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इन कंपनियों ने सिंगल डिजिट रेवेन्यू हासिल किया है.
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