
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने कर्मचारियों को गुड न्यूज दे दी है. कंपनी ने कहा है कि वह 80 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने जा रही है, जो 1 सितंबर 2025 से लागू होगी. यह जानकारी कंपनी के इंटरनल ईमेल से सामने आई है. खास बात यह है कि यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब कुछ हफ्ते पहले ही TCS ने 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी.
पांच महीने बाद कर्मचारियों को मिलेगा सैलरी हाइक का फायदा
कंपनी हर साल अप्रैल में वेतन वृद्धि करती है, लेकिन इस बार ग्लोबल मंदी, क्लाइंट्स की धीमी डिसीजन प्रक्रिया और अमेरिका की पॉलिसी में अनिश्चितता की वजह से इसमें देरी हो गई थी. अब TCS ने सितंबर से इसे लागू करने का फैसला किया है, जिससे जूनियर से मिड लेवल तक के कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.
किसे मिलेगा फायदा ? जूनियर से असिस्टेंट कंसल्टेंट तक के स्टाफ होंगे कवर
TCS के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर मिलिंद लकड़ और CHRO डेजिग्नेट सुधीप के अनुसार, वेतन वृद्धि उन कर्मचारियों के लिए होगी जो C3A ग्रेड या उससे नीचे के पदों पर हैं. यानी इसमें ट्रेनिंग कर रहे फ्रेशर से लेकर 10 साल तक का अनुभव रखने वाले असिस्टेंट कंसल्टेंट तक शामिल हैं. ये कंपनी के कुल वर्कफोर्स का 80 फीसदी हिस्सा बनाते हैं.
सीनियर स्टाफ को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार
कंपनी की ओर से सीनियर लेवल स्टाफ यानी बाकी 20 फीसदी कर्मचारियों के लिए फिलहाल कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. कंपनी ने कहा कि सीनियर पोजिशन पर क्या बदलाव होंगे, इसका फैसला आगे लिया जाएगा.
छंटनी और सैलरी हाइक दोनों एक ही स्ट्रैटेजी का हिस्सा
TCS का कहना है कि यह पूरा प्रोसेस कंपनी को 'फ्यूचर-रेडी' बनाने की योजना का हिस्सा है. कंपनी AI, नई टेक्नोलॉजी, मार्केट एक्सपेंशन और इंटरनल री-ऑर्गनाइजेशन पर जोर दे रही है. इसी कारण कुछ विभागों में कर्मचारियों की जरूरत नहीं रही, जिस वजह से करीब 2 फीसदी ग्लोबल वर्कफोर्स को निकाला जा रहा है. लेकिन जो लोग अभी कंपनी में बने हुए हैं, उन्हें रिटेन करने और मोटिवेट करने के लिए सैलरी हाइक दी जा रही है.
IT सेक्टर में मंदी, TCS की पहली तिमाही में सिंगल डिजिट ग्रोथ
फिलहाल भारत का IT सेक्टर काफी चुनौतियों से जूझ रहा है. क्लाइंट्स खर्च कम कर रहे हैं, प्रोजेक्ट्स टल रहे हैं और अमेरिका की नीतियों की वजह से भी अनिश्चितता बनी हुई है. TCS की पहली तिमाही की ग्रोथ भी सिंगल डिजिट में रही. ऐसे में कंपनी के इस कदम को टैलेंट को बनाए रखने और कारोबार को स्थिर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
TCS का यह फैसला एक स्टैटजिक मूव है. जहां एक तरफ वह खुद को भविष्य के लिए तैयार कर रही है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों को भरोसा भी दे रही है. हालांकि सीनियर स्टाफ के लिए अभी तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन जूनियर और मिड लेवल के लिए यह अच्छी खबर है.
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