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This Article is From Sep 25, 2023

"पत्रकारों को चाय पिलाओ, खाना खिलाओ ताकि वो...": महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष के बयान से मचा बवाल

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के बाद महाराष्ट्र के पत्रकार और पत्रकार संघटनों ने बावनकुले के बयान की निंदा की है. NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि बीजेपी को खुले तौर पर बताना चाहिए कि उन्हें लोकतंत्र व्यवस्था मान्य है या नहीं

"पत्रकारों को चाय पिलाओ, खाना खिलाओ ताकि वो...": महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष के बयान से मचा बवाल
विवाद बढ़ने पर बावनकुले ने बताया कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है.
मुंबई:

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) के पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को लेकर दिए गए एक बयान से विवाद बढ़ गया है. बावनकुले ने अहमदनगर में बीजेपी कार्यकर्ताओ को मीडिया मैनेजमेंट के गुर सिखाते हुए आपत्तिजनक बयान दिया. उन्होंने कहा, "पत्रकारों को ढाबे पर बुलाओ, खाना खिलाओ... ताकि 2024 तक विरोध मे कोई भी खबरें न चले." इस बयान की एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुई. इसके बाद बावनकुले ने बताया कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले महाविजय 2024 विधानसभा पदाधिकारी संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे. बूथ संरचना और पदाधिकारियों की ज़िम्मेदारी विषय पर बात करते हुए बावनकुले ने कहा, "जिस बूथ पर आप काम करते हो, वहां इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वाले कौन हैं, पोर्टल वाले कौन हैं, इनकी जानकारी रखिए."

चंद्रशेखर बावनकुले ने आगे कहा, "हम इतना अच्छा काम करते हैं, लेकिन वे ऐसा कुछ कर डालते है कि मानो गांव में बम फूट गया हो. इसलिए बूथ पर 4-5 पत्रकार हैं. उनकी लिस्ट बनाओ. एक दो पोर्टल वाले, इलेक्ट्रॉनिक वाले और प्रिंट वाले रहेंगे. उनको महीने में एक बार ढाबे पर बुलाओ, चाय पिलाओ. 'चाय पिलाने' का मतलब आप समझ गए होंगे. उसमे कुछ कम ज़्यादा हुआ तो सुजय विखे (सांसद) हैं ही." उन्होंने कहा कि महाविजय 2024 तक बूथ के बारे में एक भी खबर विरोध में नहीं आनी चाहिए. इस पर ध्यान रखें. सभी खबरें पॉजिटिव हों. 

बावनकुले ने कहा, "मोदी सरकार के खाते में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं, लेकिन इन्हें पत्रकारों द्वारा छिपाया जा रहा है." बीजेपी नेता ने पत्रकारों का नाम नहीं लिया, लेकिन "इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या प्रिंट से जुड़े लोगों" का जिक्र किया.

बावनकुले की टिप्पणी पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (जो विपक्ष के नेता भी हैं) ने इस आरोप का नेतृत्व किया है. उन्होंने कहा, "सभी पत्रकार बिक नहीं गए हैं... क्या आपको लगता है कि पत्रकार 'टुकड़े' स्वीकार करते हैं? मैं आपके नेताओं की बेचैनी समझ सकता हूं... शीर्ष स्तर और स्थानीय दोनों स्तर पर ये बेचैनी है... क्योंकि वे आवाज नहीं दबा सके. अब आपने सीधे प्रस्ताव देना शुरू कर दिया है?"

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के बाद महाराष्ट्र के पत्रकार और पत्रकार संघटनों ने बावनकुले के बयान की निंदा की है. NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि बीजेपी को खुले तौर पर बताना चाहिए कि उन्हें लोकतंत्र व्यवस्था मान्य है या नहीं. ऐसे गैर- जिम्मेदाराना बयान पर पत्रकारों और जनता से माफी मांगनी चाहिए.

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