बेनी प्रसाद वर्मा की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पूर्व इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के खिलाफ कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसब्लिटी (सीएसआर) के फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए दायर की गई पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता आरके तिवारी ने दायर की है, जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है। याचिका मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आएगी।
याचिकाकर्ता का कहना है कि अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व मंत्री ने अपने मंत्रालय की सीएसआर की राशि का यूपी के दो जिलों गोंडा और बाराबंकी में ही इस्तेमाल किया है। ये दोनों जिले पूर्व मंत्री के क्षेत्र में आते हैं। गोंडा उनकी संसदीय सीट है जबकि बाराबंकी के वह रहने वाले हैं।
याचिका में कहा गया है कि कोयला और स्टील पर संसदीय समिति ने अपनी 35वीं रिपोर्ट में कहा था कि सेल, आरआईएनएल, एमएसटीसी, एचएसीएल, मेकॉन, मॉयल आदि ने अपने इस मद का पैसा उक्त जिलों में दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अनाप-शनाप खर्च किया।
समिति ने यह भी कहा था कि बाराबंकी में उक्त पीएसयू का कोई प्रमुख स्टील प्लांट न होते हुए भी यहां सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया गया। याचिका में मांग की गई है कि पूर्व मंत्री और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो इस पैसे के लिए दुरुपयोग के लिए जिम्मदार हैं।
यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता आरके तिवारी ने दायर की है, जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है। याचिका मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आएगी।
याचिकाकर्ता का कहना है कि अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व मंत्री ने अपने मंत्रालय की सीएसआर की राशि का यूपी के दो जिलों गोंडा और बाराबंकी में ही इस्तेमाल किया है। ये दोनों जिले पूर्व मंत्री के क्षेत्र में आते हैं। गोंडा उनकी संसदीय सीट है जबकि बाराबंकी के वह रहने वाले हैं।
याचिका में कहा गया है कि कोयला और स्टील पर संसदीय समिति ने अपनी 35वीं रिपोर्ट में कहा था कि सेल, आरआईएनएल, एमएसटीसी, एचएसीएल, मेकॉन, मॉयल आदि ने अपने इस मद का पैसा उक्त जिलों में दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अनाप-शनाप खर्च किया।
समिति ने यह भी कहा था कि बाराबंकी में उक्त पीएसयू का कोई प्रमुख स्टील प्लांट न होते हुए भी यहां सबसे ज्यादा पैसा खर्च किया गया। याचिका में मांग की गई है कि पूर्व मंत्री और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो इस पैसे के लिए दुरुपयोग के लिए जिम्मदार हैं।
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