सुप्रीम कोर्ट अपनी विविधता के आधार पर जन-केंद्रित अदालत, न कि बहुभाषी : CJI डीवाई चंद्रचूड़

सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज देश की विविधता को दर्शाते हैं. कॉलेजियम का ये सुनिश्चित करने का मिशन रहा है कि हम भारत की समृद्धि और विविधता का प्रतिनिधित्व करें.

सुप्रीम कोर्ट अपनी विविधता के आधार पर जन-केंद्रित अदालत, न कि बहुभाषी : CJI डीवाई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़.

नई दिल्ली:

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अपनी विविधता के आधार पर जन-केंद्रित अदालत है, न कि बहुभाषी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज भी टैलेंटेड हैं. सीजेआई ने खुलासा किया कि जस्टिस अमानुल्लाह के पास विमान उड़ाने का लाइसेंस है. कॉफ़ी लाउंज में हम उस व्यापक प्रतिभा पर चर्चा कर रहे थे, न कि केवल न्यायिक प्रतिभा पर, जो हमारे बीच है. CJI  सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के नवनियुक्त जजों जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस भट्टी के अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे.

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के न्यायाधीशों की एक पीठ हरियाणा के मामले पर फैसला कर सकती है. यह सुप्रीम कोर्ट का असली सार है. यह एक बहुभाषी नहीं बल्कि एक जन-केंद्रित अदालत है. प्रत्येक न्यायाधीश अपना अनूठा अनुभव सामने लाता है. लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा तब होगा, जब न्याय देने वाले लोग उन्हें प्रतिबिंबित करेंगे. जजों का कहना है नियुक्तियों से इस अदालत में विविधता आई है.

उन्होंने कहा कि जस्टीस एसवीएन भट्टी की हालिया पदोन्नति इस बात का प्रमाण है कि सर्वोच्च न्यायालय की संस्था भारत की है, न कि केवल दिल्ली या महाराष्ट्र की. 

CJI ने कहा कि बार द्वारा आयोजित ऐसे कार्यक्रम बार के सदस्यों के बीच उनकी भाषा, जाति, धर्म और पहचान के बावजूद एकजुटता के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण है. अपने भाषण में, CJI चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के शुरुआती महीनों के दौरान सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त जजों द्वारा दिल्ली में आवास मिलने में देरी पर भी चिंता जताई.

उन्होंने कहा कि नवनियुक्त जजों को अक्सर महीनों तक राज्य सरकार के सदनों में रहना पड़ता है. उन्हें 5-6 महीने तक राज्य सदन में रहना पड़ता है, फिर भी उनकी याचिकाओं को पढ़ने और निपटाने में कोई कमी नहीं आती. कोई सीधा जवाब नहीं है. 

CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज देश की विविधता को दर्शाते हैं. कॉलेजियम का यह सुनिश्चित करने का मिशन रहा है कि हम भारत की समृद्धि और विविधता का प्रतिनिधित्व करें.

उन्होंने कहा कि अनेक लोग सुप्रीम कोर्ट के बहुभाषी न्यायालय होने के कारण आलोचना करते रहे हैं. उन्हें इसका दूसरा पहलू भी देखना चाहिए कि हमारे बहुभाषी होने का कारण यह नहीं है कि दो जज एक जैसे नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा के एक मामले पर महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के जज एक बेंच में एक साथ बैठते हैं. 

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सीजेआई ने कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट का उद्देश्य देश की विविधता को प्रतिबिंबित करना है. यहां आने वाला प्रत्येक जज अपने साथ अपना अनुभव लेकर आता है. उन्होंने कहा कि बहुभाषी कोर्ट होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट लोगों पर केंद्रित कोर्ट है और यही सुप्रीम कोर्ट का मूल तत्व है.