मध्य प्रदेश में रेप के आरोपी छात्र नेता को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर दिया है. आरोपी को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश अदालत ने दिया है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद आरोपी के समर्थकों की तरफ से 'भैया इज बैक' का बैनर लगाया गया था. जिसके बाद पीड़िता की तरफ से जमानत को रद्द करने की मांग की गयी थी.
अदालत ने जमानत रद्द करते हुए कहा कि आरोपी के निर्लज्ज आचरण ने शिकायतकर्ता के मन में एक वास्तविक भय पैदा कर दिया है कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है तो उसे एक स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिलेगी. साथ ही गवाहों को प्रभावित करने की संभावना भी है. बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया था कि आरोपी एक छात्र नेता है जो एक ऐसे समुदाय से ताल्लुक रखता है जो "मां नर्मदा जयंती" का त्योहार मनाता है और पोस्टरों का उसकी जमानत पर रिहा होने से कोई लेना-देना नहीं है.
अदालत ने कहा कि बैनर समाज में आरोपी और उसके परिवार की श्रेष्ठ स्थिति और शक्ति और शिकायतकर्ता पर इसके हानिकारक प्रभाव को उजागर करते हैं. कैप्शन के साथ टैग किए गए मुकुट और दिल के इमोजी आरोपी और उसके समर्थकों के जश्न के मूड को बताते हैं.बताते चलें कि आरोपी ABVP नामक छात्र संगठन से जुड़ा हुआ है. CJI एन वी रमना ने आरोपी के वकील से पूछा था कि ये भैया इज बैक' क्या है? अपने भैया को कहिए कि एक हफ्ता सावधान रहे.
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