यूपी, राजस्थान और उत्तराखंड में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीसरे पक्ष की याचिका पर दखल नहीं देंगे, अगर कोई प्रभावित पक्ष आएगा तो देखेंगे और हम उनका ख्याल रखेंगे. दरअसल नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन ने याचिका दाखिल कर यूपी, राजस्थान और उत्तराखंड के अधिकारियों द्वारा जारी बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी.
इन जजों ने की मामले की सुनवाई
इस मामले पर सुनवाई जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने की. याचिकाकर्ता के वकील निजाम पाशा ने दलील दी कि अदालत के निर्देश के बावजूद ध्वस्तीकरण किया गया, यह न्यायालय की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है. तीन मामले हुए हैं. वहीं यूपी सरकार की ओर से ASG केएम नटराज ने याचिका का विरोध किया. ये फुटपाथ पर अतिक्रमण था, वह तीसरा पक्ष है.
भानुमती का पिटारा नहीं खोलना चाहते
समाचार रिपोर्ट के आधार पर याचिका दाखिल की गई है. जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि हम वर्तमान याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं. हम भानुमती का पिटारा नहीं खोलना चाहते. ऐसे लोगों की अर्जी विचार नहीं करेंगे जो न तो प्रत्यक्ष रूप से और न ही अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित हैं. यदि कोई वास्तविक व्यक्ति आता है, तो हम उस पर विचार करेंगे.
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