नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश पुलिस को एक महिला और उसकी बेटी को गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार करने के लिए उन्हें 500,000 रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया। पुलिस इन्हें कंप्यूटरों के लेन-देन संबंधी कथित विवाद में पुणे से भोपाल ले गई थी।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह की पीठ ने बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के मां-बेटी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को हर्जाना देने का आदेश दिया।
इस मामले में न्यायालय की सहायता करने वाले अधिवक्ता सुनील फर्नाडीज ने कहा कि 2014 में मध्य प्रदेश पुलिस ने पुणे में दोनों को गिरफ्तार किया था और हाथों में हथकड़ियां डालकर उन्हें रेलगाड़ी से भोपाल ले जाया गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह की पीठ ने बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के मां-बेटी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को हर्जाना देने का आदेश दिया।
इस मामले में न्यायालय की सहायता करने वाले अधिवक्ता सुनील फर्नाडीज ने कहा कि 2014 में मध्य प्रदेश पुलिस ने पुणे में दोनों को गिरफ्तार किया था और हाथों में हथकड़ियां डालकर उन्हें रेलगाड़ी से भोपाल ले जाया गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
सुप्रीम कोर्ट, मध्य प्रदेश पुलिस, गिरफ्तारी की प्रतिक्रिया, हर्जाना का आदेश, Supreme Court, Madhya Pradesh Police, Arrest Procedure, Compensation Order