सुप्रीम कोर्ट ने असम में एनआरसी (Assam NRC) की फाइनल लिस्ट तैयार करने की डेडलाइन को एक महीने के लिए बढ़ा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने डेडलाइन को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है. NRC मामले में केंद्र सरकार और असम सरकार ने एक महीने की समय सीमा बढ़ाने की गुहार लगाई थी. सरकारों ने कहा था कि कोऑर्डिनेटर ने इस मामले में अच्छा काम किया है, लेकिन हम लाखों लोगों के मामले में काम कर रहे हैं.
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सरकार का तर्क था कि बांग्लादेश के बॉर्डर के पास लाखों लोग गलत तरीके से NRC के नाम में आ गए हैं. जिन लोगों का नाम जुड़ा हुआ है वो अवैध घुसपैठिए हैं. सीमावर्ती इलाकों में गहन सर्वेक्षण की ज़रूरत है. 20 फीसदी से ज़्यादा लोगों के फिर से वेरिफिकेशन की ज़रूरत है. उन्होंने आगे कहा था कि स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उन्होंने गड़बड़ कर रखी है.
बता दें कि शीर्ष अदालत के निर्देश पर असम की राष्ट्रीय पंजी का पहला मसौदा 31 दिसंबर, 2017 और एक जनवरी, 2018 के दरम्यान प्रकाशित हुआ था. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे. 20वीं सदी की शुरुआत से ही बांग्लादेश से अवैध घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा असम अकेला राज्य है जहां पहली बार 1951 में राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार किया गया था.
VIDEO: NRC घुसपैठ विरोधी या अल्पसंख्यक विरोधी?
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