- सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्यों से SIR पर लगातार याचिकाएं दाखिल होने पर कड़ी नाराजगी जताई
- मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाओं की अधिकता से SIR के मुख्य मामले की सुनवाई संभव नहीं हो पाएगी
- सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु की याचिकाओं पर असंतोष जताया
देशभर के विभिन्न राज्यों से एसआईआर पर लगातार दाखिल हो रही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ी नाराजगी जाहिर की. मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्य कांत ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर आप लोग यूं ही याचिकाएं दाखिल करते रहेंगे, तो SIR के मुख्य मुद्दे की सुनवाई कब होगी? CJI ने कहा कि इतनी ज्यादा याचिकाएं दायर होने से मुख्य मामले की सुनवाई प्रभावित हो रही है.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लगता है सभी राजनीतिक व्यक्ति यहां सिर्फ सुर्खियां बटोरने आ रहे हैं. अदालत ने यूपी, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु से आई कई याचिकाओं पर असंतोष जताते हुए कहा कि “दाखिल करते रहिए, राजनीतिकरण करते रहिए.”
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
अलग-अलग राज्यों की याचिकाओं को अलग-अलग श्रेणी में विभाजित किया जाए, ताकि मुख्य मुद्दे पर सुनवाई सुचारू रूप से हो सके. तीन अलग-अलग राज्यों से संबंधित SIR मामलों को अगले हफ्ते तीन अलग-अलग तारीखों पर सूचीबद्ध किया जाए.
सुनवाई के दौरान उठे मुद्दे
वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने दलील दी कि यूपी जैसा बड़ा राज्य तय टाइमलाइन में SIR पूरा नहीं कर पाएगा. इस पर CJI ने यूपी की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगले मंगलवार को सुनवाई होगी. CJI ने फिर दोहराया, “आप लोग इसी तरह नई-नई याचिकाएं लाते रहेंगे, तो मुख्य केस की सुनवाई कैसे होगी?”
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तमिलनाडु का पक्ष
तमिलनाडु SIR मुद्दे पर एक वकील ने कहा कि राज्य के प्रवासी मजदूर पोंगल के बाद ही लौटते हैं, इसलिए अदालत को इसे ध्यान में रखना चाहिए. अदालत ने स्पष्ट किया कि वह पहले बिहार मामले को प्राथमिकता देगी, क्योंकि उसमें होने वाला निर्णय सभी राज्यों को प्रभावित करेगा.
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