EVM मशीनों में गडबडी को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई.
दिल्ली:
ईवीएम (EVM) मशीनों में गड़बड़ी या छेड़छाड़ को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का और वक्त दिया. मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने बीएसपी और दूसरी राजनीतिक पार्टियों की EVM पर दाखिल याचिका को भी अपनी बेंच में ट्रांसफर किया.
ईवीएम (EVM) मशीनों में गडबडी या छेडछाड को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ को लेकर बयानबाजी बीच सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई की थी. याचिका में ईवीएम मशीनों पर सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि मशीनों में गड़बड़ी की गई है इसलिए इन मशीनों की अमेरिका के एक्सपर्ट से जांच कराई जाए.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे कि वह इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करे और कोई भी ईवीएम जब्त कर उसकी जांच करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और सिर्फ चुनाव आयोग को नोटिस कर जवाब देने को कहा है.
वकील ML शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं. इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं. एमएल शर्मा ने ही यह याचिका दाखिल की है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
ईवीएम (EVM) मशीनों में गडबडी या छेडछाड को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ को लेकर बयानबाजी बीच सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई की थी. याचिका में ईवीएम मशीनों पर सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि मशीनों में गड़बड़ी की गई है इसलिए इन मशीनों की अमेरिका के एक्सपर्ट से जांच कराई जाए.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे कि वह इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करे और कोई भी ईवीएम जब्त कर उसकी जांच करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और सिर्फ चुनाव आयोग को नोटिस कर जवाब देने को कहा है.
वकील ML शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं. इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं. एमएल शर्मा ने ही यह याचिका दाखिल की है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
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