SC ने रचा इतिहास, 75 साल में थीं 12, अब एक साथ 11 महिला वकीलों को मिला सीनियर एडवोकेट का दर्जा

शोभा गुप्ता, स्वरूपमा चतुर्वेदी, लिज मैथ्यू, करुणा नंदी, उत्तरा बब्बर, हरिप्रिया पद्मनाभन, अर्चना पाठक दवे, निशा बागची, एनएस नप्पिनाई, एस जननी और शिरीन खजूरिया को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दे दिया गया है.

SC ने रचा इतिहास, 75 साल में थीं 12, अब एक साथ 11 महिला वकीलों को मिला सीनियर एडवोकेट का दर्जा

यह फैसला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में लिया गया. (फाइल)

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने एक ही दिन में 11 महिलाओं को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया
  • यह फैसला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में लिया गया
  • SC द्वारा वरिष्ठ वकील बनाए जाने वाली पहली वकील इंदु मल्होत्रा थीं
नई दिल्‍ली :

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को इतिहास रच दिया. 75 साल के इतिहास में देश की सबसे बड़ी अदालत ने सिर्फ 12 महिला वकीलों (Women Lawyers) को सीनियर एडवोकेट (Senior Advocate) का दर्जा दिया था, लेकिन अब एक ही दिन में 11 महिलाओं को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया है. शुक्रवार को CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में कुल 56 वकीलों को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया है और इनमें 11 महिलाएं हैं, जबकि 34 पहली जनरेशन के वकील हैं. 

शुक्रवार को जारी लिस्ट में शोभा गुप्ता, स्वरूपमा चतुर्वेदी, लिज मैथ्यू, करुणा नंदी, उत्तरा बब्बर, हरिप्रिया पद्मनाभन, अर्चना पाठक दवे, निशा बागची, एनएस नप्पिनाई, एस जननी और शिरीन खजूरिया को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दे दिया गया है. वहीं पहली पीढ़ी के वकीलों में दर्जा पाने वाले अमित आनंद तिवारी, सौरभ मिश्रा और अभिनव मुखर्जी शामिल हैं. यह फैसला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में लिया गया. 

पहली बार इतनी संख्या में महिलाओं को सीनियर एडवोकेट का दर्जा देने के फैसले का स्वागत करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और सीनियर एडवोकेट ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ये ऐतिहासिक कदम है. 75 साल में सुप्रीम कोर्ट ने 12 महिला वकीलों को सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया था, लेकिन अब 2024 में एक साथ 11 महिलाओं को ये सम्मान दिया है. भाटी ने कहा कि ये ही सही मायने में महिला वकीलों की मेरिट की पहचानते हुए लैंगिग न्याय के लिए सेवा है, जो उनके लिए सम्मान को दर्शाता है. 

अभी तक सिर्फ 14 महिलाओं को मिला था ये दर्जा 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक 14 महिलाओं को ये दर्जा दिया था, जिनमें दो रिटायर जज थीं. 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ 6 महिला वकीलों को सीनियर बनाया था. इनमें माधवी दीवान, मेनका गुरुस्वामी, अनीता शेनॉय, अपराजिता सिंह, ऐश्वर्या भाटी और प्रिया हिंगोरानी शामिल हैं. इससे पहले सिर्फ 8 महिला वकीलों को सीनियर एडवोकेट बनाया गया था. 

वरिष्‍ठ वकील बनने वाली पहली महिला थीं इंदु मल्‍होत्रा 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा वरिष्ठ वकील बनाए जाने वाली पहली वकील इंदु मल्होत्रा थीं, जो बाद में सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं. सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व में आने के पूरे 57 साल बाद 2007 में मल्होत्रा को नामित किया गया था. इसके बाद 2013 में मीनाक्षी अरोड़ा, किरण सूरी और विभा दत्ता मखीजा को वरिष्ठ वकील बनाया गया, जिससे इनकी संख्या 4 हो गई. 2015 में दो और महिला वकीलों को नामित किया गया, वी मोहना और महालक्ष्मी पावनी को मिलाकर कुल 6 महिला वकील हो गईं. इस बीच, दो सेवानिवृत्त महिला उच्च न्यायालय न्यायाधीशों को भी नामित किया गया - 2006 में शारदा अग्रवाल और 2015 में रेखा शर्मा. 

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