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This Article is From Jan 19, 2024

बिलकिस बानो केस के दोषियों को SC से झटका, वक्त देने से इनकार, 21 जनवरी तक करना होगा सरेंडर

Bilkis Bano Case: कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि दोषियों की इस याचिका में कोई मेरिट नहीं है. कोर्ट ने कहा कि सभी दोषियों को तय समय पर भी सरेंडर करना होगा.

बिलकिस बानो मामले के दोषियों को अब तय समय पर ही करना होगा सरेंडर

नई दिल्ली:

बिलकिस बानो मामले के सभी दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने इनकी याचिका की सुनवाई के दौरान इनकी उस मांग को ठुकरा दिया है जिसमें सरेंडर करने के लिए और समय देने मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी दोषियों को आत्मसमर्पण के लिए और समय देने से साफ इनकरा कर दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि दोषियों की इस याचिका में कोई मेरिट नहीं है. 

कुछ दिन पहले ही दोषियों ने दायर की थी याचिका

बता दें कि बिलकिस बानो मामले के दोषियों ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिर कर मांग की है कि उनके आत्म समर्पण करने के समय को बढ़ा दिया जाए. जिन दोषियों ने कोर्ट से यह गुहार लगाई है उनमें शामिल हैं गोविंदभाई नाई, रमेश रूपाभाई चांदना और मितेश चिमनलाल भट.सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में गोविंदभाई नाई ने बीमारी का हवाला देते हुए आत्मसमपर्पण का समय चार हफ्ते बढ़ाए जाने की मांग की है.

"नाई ने कहा था मेरी मां बीमार है"

गोविंदभाई नाई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अर्जी में कहा था कि मेरे पिता 88 साल के हैं और वह बीमार भी हैं. उनकी हालत ऐसी है कि वह बिस्तर से उठ भी नहीं सकते हैं. और किसी भी काम के लिए मुझपर ही निर्भर हैं. ऐसे में अपने पिता की देखभाल करने वाला मैं अकेला हूं. साथ ही मैं खुद भी बुजुर्ग हो चुका हूं. मैं अस्थमा से पीड़ित हूं. हाल ही में मेरा ऑपरेशन भी हुआ है और उसे एंजियोग्राफी से गुजरना पड़ा है.मुझे पाइल्स के इलाज के लिए अभी एक और ऑपरेशन कराना है.मेरी मां की उम्र 75 साल है और उनका स्वास्थ्य भी खराब है.

6 हफ्ते की और मांगी थी मोहलत

नाई ने आगे यह भी कहा था कि वह 2 बच्चों का पिता भी हैं. जो अपनी वित्तीय और अन्य जरूरतों के लिए पूरी तरह से उन पर निर्भर हैं. नाई ने अपनी याचिका में कहा है कि रिहाई की अवधि के दौरान, मैंने किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया  और छूट के आदेश की शर्तों का अक्षरश: पालन किया है. वहीं, रमेश रूपाभाई चांदना ने बेटे की शादी का हवाला देते हुए जबकि मितेश चिमनलाल भट ने फसल के सीजन का हवाला देते हुए उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए 6 हफ्ते और दिए जाने की मांग की है.

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