पराली जलाने के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण निकाय CAQM को फटकार लगाई है. CAQM के अध्यक्ष राजेश वर्मा ऑनलाइन कार्यवाही में मौजूद रहे. कोर्ट ने कहा कि CAQM द्वारा अधिनियम के एक भी प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया. हर साल पराली जलाने की एक ही समस्या है. आप पराली जलाने के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं. आप 3 महीने में केवल एक बार ही क्यों मिलते हैं? जब हम संकट के कगार पर हैं, तब भी बैठकों के बीच इतना अंतराल क्यों होगा?
SC ने कहा कि क्या CAQM अधिनियम की धारा 14 के तहत कोई कार्रवाई की गई है? हमें ऐसा नहीं लगता. सब कुछ कागज पर है और आप मूक दर्शक हैं. यदि आप यह संदेश नहीं देते हैं कि कानून का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, तो ये प्रावधान केवल कागज पर ही रह जाएंगे.
पिछली सुनवाई के दौरान 27 अगस्त को शीर्ष अदालत ने कर्मचारियों की कमी के कारण दिल्ली और एनसीआर के राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ‘अप्रभावी' करार दिया था और राष्ट्रीय राजधानी एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए जिम्मेदार निकाय से यह बताने के लिए कहा था कि वह प्रदूषण एवं पराली जलाये जाने की स्थिति से निपटने के लिए क्या उपाय कर रहा है.
इसने पांच एनसीआर राज्यों को संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में रिक्त पदों को 30 अप्रैल, 2025 से पहले भरने का निर्देश दिया था.
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