कर्नाटक में लौह अयस्क के खनन और निर्यात को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आया है. कोर्ट ने 10 साल बाद लौह अयस्क के खनन और निर्यात की अनुमति दे दी है. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य में खनन किए गए लौह अयस्क की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले अपने 2011 के आदेश में ढील दी है.
कोर्ट ने कहा कि बेल्लारी आदि में कोयला खदानों के लिए इसकी जरूरत है. हम कर्नाटक के तीन जिलों में पहले से ही निकाले गए लौह अयस्क स्टॉक आदि को बेचने की अनुमति देते हैं. ई-नीलामी का सहारा लिए बिना सीधे अनुबंध करके लौह अयस्क आवंटित करने की अनुमति भी दी जाती है.
कर्नाटक के तीन खनन क्षेत्रों में अनियंत्रित खनन रोक दिया गया था. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्पादन, खनन और पट्टे आदि के लिए अधिकतम सीमा को उठाने पर निगरानी समिति से भी राय मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट ने समिति को चार सप्ताह में अपनी सिफारिश भेजने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी. दरअसल स्टील कंपनियों ने घरेलू कोयले की कमी का हवाला देते हुए कर्नाटक से किसी भी निर्यात के खिलाफ चुनौती दी थी.
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