रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी सुपरटेक नोएडा में ट्विन टॉवर (Supertech Twin Tower) को ढहाने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सुपरेटक एमेरॉल्ड कोर्ट ट्विन टावर मामले में कंपनी ने कोर्ट से 40 मंजिला ट्विन टॉवर-16 (एपेक्स) और 17(स्यान) को ढहाने के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की है. कंपनी ने अपील की है कि शीर्ष अदालत ट्विन टॉवर के ढहाने के आदेश पर रोक लगाए और बस एक टॉवर को ढहाने की मंजूरी दे. उसका कहना है कि इससे ना केवल करोड़ों रुपये बचेंगे बल्कि नियमों के मुताबिक निर्माण भी होगा.
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने आवेदन में सुपरटेक ने कहा है कि फैसले में अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर उन्होंने प्रोजेक्ट में बदलाव करने का निर्णय लिया है. आवेदन के जरिए सुपरटेक ने प्रोजेक्ट में संभावित बदलाव की रूपरेखा पेश की है. कंपनी ने कहा है कि एक टॉवर के 224 फ्लैट गिराए जाएंगे तो वो फायर सेफ्टी आदि नियमों का पालन करेंगे.
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बता दें कि पिछले 31 अगस्त को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पारित उस आदेश को बरकरार रखा था जिसमें दोनों टावर को गिराने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को एमेरॉल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के इन दो टॉवरों को तीन महीने के भीतर गिराने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा था कि ढहाने का कार्य नोएडा के अधिकारियों की देखरेख में होगा और सुपरटेक को इस मद में होने वाले खर्च का वहन करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को इन टॉवरों को गिराने के लिए कहा था जिससे कि सुरक्षित तरीके से गिराना सुनिश्चित किया जा सके. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को दो महीने के भीतर ट्विन टॉवरों के फ्लैट खरीदारों को 12 फीसदी प्रति वर्ष ब्याज के साथ राशि वापस करने का भी निर्देश दिया था. कोर्ट ने बिल्डर को एक महीने के भीतर एमेरॉल्ड कोर्ट ओनर रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन को हर्जाने के तौर पर दो करोड़ रुपए का भुगतान करने का भी निर्देश दिया था.
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