पश्चिम बंगाल में एसएससी भर्ती घोटाले (SSC Recruitment Scam) की जांच के सिलसिले में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने बुधवार को प्रदेश के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत अर्जी को खारिज करते हुये उन्हें और तीन अन्य को पांच अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पार्थ चटर्जी के साथ जिन तीन लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है उनमें पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा और इसके पूर्व सलाहकार एस पी सिन्हा शामिल है. सीबीआई ने गांगुली को 15 सितंबर को गिरफ्तार किया था.
केंद्रीय जांच एजेंसी के आग्रह पर यह यह आदेश सीबीआई अदालत ने पारित किया. विशेष अदालत ने जांच एजेंसी के आग्रह पर 16 सितंबर को चटर्जी को बुधवार तक सीबीआई रिमांड में भेज दिया था. एजेंसी ने अदालत से आग्रह किया था कि मामले में चटर्जी से पूछताछ करनी है . कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले की जांच कर रहा है.
चटर्जी और उनकी कथित निकट सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. ईडी एसएससी भर्ती घोटाले में कथित वित्तीय हेराफेरी की जांच कर रहा है और इसने मुखर्जी के फ्लैट से 23 जुलाई को छापेमारी के दौरान 49.80 करोड़ रुपये नकद, सोना-चांदी तथा आभूषण, फ्लैट तथा अन्य संपत्तियों के कागजात जब्त किए थे. जांच एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में कहा है कि नकद समेत जब्ती की कुल कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है .
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