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A-320 विमानों में क्यों आई खराबी? सौर तूफान के एयरबस के दावे पर वैज्ञानिकों ने उठाए सवाल

30 अक्टूबर को मेक्सिको से अमेरिका जा रहे ए320 विमान ने अचानक सैकड़ों फीट का गोता लगाया था. इस घटना में 15 यात्री घायल हो गए थे. इसके बाद एयरबस के करीब 6 हजार विमानों को ग्राउंड करके ठीक किया गया था.

A-320 विमानों में क्यों आई खराबी? सौर तूफान के एयरबस के दावे पर वैज्ञानिकों ने उठाए सवाल

एयरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एयरबस के एक विमान में 30 अक्टूबर को एक अप्रत्याशित घटना हुई थी. मेक्सिको से अमेरिका जा रहे एक ए320 विमान ने अचानक से सैकड़ों फीट का गोता लगाया था. इस घटना में 15 यात्री घायल हो गए. इसके बाद एयरबस ने अपने वैश्विक बेड़े के लगभग आधे विमानों को बुलाकर ठीक किया. कंपनी का दावा है कि यह घटना सूरज के तेज विकिरण (सोलर रेडिएशन) की वजह से हुई, जिसने उड़ान सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचाया. हालांकि कई वैज्ञानिक इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि उस दिन कोई बड़ी सौर घटना ही नहीं हुई थी. 

विमान वापस बुलाने पड़े थे एयरबस को

28 नवंबर को बयान में एयरबस ने बताया था कि विमान के गोता लगाने की घटना की जांच से पता चला कि सूरज की तेज किरणें ए320 बेड़े के विमानों के फ्लाइट कंट्रोल को खराब कर सकती हैं. सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए एयरबस ने ए320 विमानों के बेड़े को वापस बुलाया था. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि तीव्र विकिरण उथल-पुथल पैदा कर सकता है और डेटा को प्रभावित कर सकता है, लेकिन 30 अक्टूबर को उन्हें कोई ऐसी सौर घटना नहीं देखने को मिली, जो चिंताजनक लगे. 

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वैज्ञानिक बोले, उस दिन कोई सोलर घटना नहीं हुई

भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान उत्कृष्टता केंद्र (CESSI) के अंतरिक्ष मौसम विशेषज्ञ दिब्येंदु नंदी ने एक्स पर एक पोस्ट में संकेत दिया कि उस दिन अंतरिक्ष में मौसम से संबंधित कोई बड़ी चिंताजनक घटना नहीं हुई थी. नंदी ने बाद में अभी यह साफ नहीं है कि एयरबस ने अपने बेड़े को क्यों वापस बुलाया और सॉफ्टवेयर अपडेट क्यों किया.

सोलर रेडिएशन नहीं, तो क्या कारण?

उन्होंने आगे कहा कि अगर बाकी सभी कारणों को कंपनी ने ध्यान से जांचकर खारिज कर दिया है, तो संभव है कि यह अंतरिक्ष मौसम के समग्र प्रभावों का हो, या फिर किसी बेहद दुर्लभ ऊर्जावान कणों की वजह से हुआ हो, जो 30 अक्टूबर 2025 को मेक्सिको-अमेरिका फ्लाइट के दौरान सामने आए. स्पेस वेदर डेटा के एनालिसिस से उस दिन कोई खास सोलर इवेंट नहीं देखा गया. ऐसे में हो सकता है कि पिछले प्रभाव किसी कारणवश विमानों की नियमित गहन जांच में बच गए हों.

फ्लाइट कंट्रोल के लिए घातक हैं तेज किरणें

अमेरिकी खगोलशास्त्री असा स्टाल ने बताया कि जब सूर्य से आने वाले उच्च ऊर्जा के कण विमान के कंप्यूटर चिप से टकराते हैं, तो वे अस्थायी रूप से डेटा को प्रभावित कर सकते हैं, सिस्टम में खराबी पैदा कर सकते हैं या इलेक्ट्रॉनिक्स को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं.

सौर तूफान में बिगड़ सकता है कंप्यूटर डेटा 

भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) पुणे के फैकल्टी मेंबर प्रसाद सुब्रमण्यम ने बताया कि सौर तूफान के दौरान सूरज से आने वाला विकिरण बहुत तेज होता है. इसकी वजह से कंप्यूटर सिस्टम में सिंगल इवेंट अपसेट हो सकता है. दूसरे शब्दों में कहें तो कंप्यूटर के मूल अंक 0 और 1 उलट-पलट सकते हैं. ये विमान के कंट्रोल सिस्टम में बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं.

बता दें कि कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की बुनियाद 0 और 1 के बाइनरी सिस्टम पर टिकी होती है. इसमें 1 का मतलब चालू/सही और 0 का मतलब बंद/गलत होता है. इनमें कोई भी गड़बड़ी विमान के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. 

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