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This Article is From Feb 15, 2024

रायबरेली की जनता के नाम सोनिया गांधी की भावुक चिट्ठी, कहा- मेरे परिवार को संभालिएगा

सोनिया गांधी पहली बार साल 2004 में रायबरेली (Sonia Gandhi Letter To Raebareli) से जीतकर लोकसभा पहुंचीं थीं. लेकिन बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने रायबरेली से चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है.

रायबरेली की जनता के नाम सोनिया गांधी की भावुक चिट्ठी, कहा- मेरे परिवार को संभालिएगा
रायबरेली के नाम सोनिया गांधी की भावुक चिट्ठी.
नई दिल्ली:

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से लोकसभा सांसद सोनिया गांधी (Sonial Gandhi Letter To Raebareli) अब राज्यसभा जाने को तैयार हैं. वह राजस्थान से राज्यसभा जा रही हैं, ऐसे में यह तो साफ है कि वह अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. सोनिया गांधी का रायबरेली से 20 साल पुराना नाता टूटने जा रहा है, जिससे वह भावुक हो गईं. हालांकि  बात अगर कांग्रेस की करें तो रायबरेली से पार्टी का नाता तो करीब 8 दशक पुराना है. सोनिया गांधी पहली बार साल 2004 में रायबरेली से जीतकर लोकसभा पहुंचीं थीं. लेकिन बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने रायबरेली से चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है. सोनिया गांधी के लिए ये फैसला किना मुश्किल रहा, इस बात का जिक्र रायबरेली की जनता के नाम उनकी भावुक चिट्ठी में किया गया है.

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"रायबरेली मुझे सौभाग्य की तरह मिला"

सोनिया गांधी ने अपनी चिट्ठी में कहा कि रायबरेली के बिना उनका परिवार अधूरा है. सोनिया गांधी ने लिखा, "रायबरेली अपनी ससुराल से मुझे  सौभाग्य की तरह मिला." पति राजीव गांधी और सास इंदिरा गांधी को खोने के बाद जब वह रायबरेली आईं तो यहां के लोगों ने उनके लिए अपना आंचल फैला दिया. 

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"आज कुछ भी हूं आपकी बदौलत हूं"

सोनिया गांधी ने लिखा, "पिछले दो चुनाव में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मै यह कभी नहीं भूल सकती.  मुझे ये कहते हुए गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं आपकी बदौलत हूं. मैने इस भरोसे को निभाने की हर कदम कोशिश की है" 

"मेरे परिवार को भी संभाल लीजिएगा"

कांग्रेस नेता ने रायबरेली की जनता से कहा कि बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से वह अगला लोकसभा चुनाव अब नहीं लड़ सकेंगी. अब उन्हें यहां के लोगों की सीधी सेवा करने का मौका नहीं मिलेगा. लेकिन उनका मन-प्राण हमेशा यहीं रहेगा.इसके साथ ही योनिया गांधी ने रायबरेली की जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह उनके परिवार को भी वैस ही संभाल लें, जैसे अब तक उनको संभालते आए हैं. इसके साथ ही  उन्होंने रायबरेली के लोगों से जल्द मिलने का भी वादा किया.
 

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