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लाल कॉलर मतलब खतरा! हमलावर कुत्तों की पहचान के लिए नई व्यवस्था, गले में लगाए जाए रहे स्मार्ट टैग

महापौर ने बताया कि शहर में फीडिंग ज़ोन चिन्हित किए जाएंगे. यदि कोई व्यक्ति इन निर्धारित स्थानों के अलावा कुत्तों को खाना खिलाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.

लाल कॉलर मतलब खतरा! हमलावर कुत्तों की पहचान के लिए नई व्यवस्था, गले में लगाए जाए रहे स्मार्ट टैग
  • शिमला नगर निगम ने लावारिस और आक्रामक कुत्तों की पहचान के लिए कॉलर पहनाने का अभियान शुरू किया है.
  • लाल कॉलर उन कुत्तों को लगाया जाएगा जो पहले कई बार लोगों पर हमलावर हो चुके हैं.
  • प्रत्येक कॉलर में QR कोड होगा, जिससे कुत्तों की उम्र, स्वास्थ्य और वैक्सीनेशन की जानकारी मिलेगी.
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शिमला:

शिमला नगर निगम ने लावारिस और हमलावर प्रवृत्ति वाले कुत्तों की पहचान के लिए एक अनोखा अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत, ऐसे कुत्तों के गले में लाल रंग का कॉलर लगाया जा रहा है, जो पहले कई बार लोगों को काट चुके हैं या जिनमें आक्रामकता की प्रवृत्ति पाई गई है. लाल कॉलर को खतरे का संकेत माना जाएगा, जिससे लोग सतर्क रह सकें और सुरक्षित दूरी बना सकें.

अन्य लावारिस कुत्तों को हरे, नीले और अन्य रंगों के कॉलर पहनाए जा रहे हैं, ताकि उनकी पहचान अलग की जा सके. इस अभियान की शुरुआत शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने शनिवार को रिज मैदान में एक कुत्ते को कॉलर पहनाकर की. इस अभियान में सहयोग कर रही संस्थाओं की टीमें वार्डों में जाकर कुत्तों को कॉलर पहनाने और उनकी टैगिंग का कार्य कर रही हैं. यह अभियान 29 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुत्तों की वैक्सीनेशन, टैगिंग और गणना की जाएगी.

हर कॉलर में एक QR कोड भी लगाया जा रहा है, जिसे स्कैन करने पर कुत्ते की पूरी जानकारी जैसे उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, नसबंदी और एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन की स्थिति प्राप्त की जा सकेगी. इससे शहर में मौजूद लावारिस कुत्तों की संख्या और उनकी स्वास्थ्य स्थिति का पूरा डेटा तैयार किया जा सकेगा.

विधायक जनारथा ने बताया कि इस अभियान के तहत स्कूलों में बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे लावारिस कुत्तों से सुरक्षित रह सकें. शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि यह देश का पहला नगर निगम है जिसने इस तरह का अभियान शुरू किया है. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस से दो वर्ष पहले ही नगर निगम ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया था. इस अभियान से न केवल लोगों को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि लावारिस कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण और 100% स्टेरलाइजेशन का लक्ष्य भी पूरा किया जा सकेगा.

महापौर ने यह भी बताया कि शहर में फीडिंग ज़ोन चिन्हित किए जाएंगे. यदि कोई व्यक्ति इन निर्धारित स्थानों के अलावा कुत्तों को खाना खिलाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
 

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