केंद्र सरकार के सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च करने के एक हफ्ते से भी कम समय में, लगभग 7 लाख लोगों ने इस पर अपना पंजीकरण कराया है. साथ ही कई लोग पैसा वापस मिलने की उम्मीद में अपने कागजात इकट्ठा कर रहे हैं सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में जमाकर्ताओं द्वारा निवेश किए गए पैसे को वापस करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई को सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "सरकार पूरी प्रक्रिया को सुविधाजनक बना रही है और हमें उम्मीद है कि प्रत्येक निवेशक को उसका एक-एक पैसा वापस मिलेगा."
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 24 जुलाई तक 6,80,629 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है, जिनमें से 2,84,511 के आधार कार्ड का सत्यापन भी किया जा चुका है.
अधिकारी ने बताया, ''97 प्रतिशत जमाकर्ताओं ने 40000 रुपये से कम का निवेश किया है और सरकार का ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि छोटे निवेशकों को उनका पैसा वापस मिले."
दिलचस्प बात ये है कि सबसे ज्यादा निवेशक उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं. आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में लगभग 85 लाख लोगों ने चार सहकारी समितियों में 22000 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि बिहार में 55 लाख लोगों ने लगभग 15000 करोड़ रुपये का निवेश किया.
इस बीच केंद्र की ओर से की जा रही कवायद में जमाकर्ताओं को उम्मीद की किरण नजर आ रही है. एनडीटीवी ने ऐसे कई जमाकर्ताओं से बात की.
55 वर्षीय सरस्वती देवी ने 2011 में निवेश किया था. उन्होंने कहा, "मुझे पता चला है कि हमें पैसा वापस मिल सकता है. बड़ी मुश्किल से मैंने पैसे बचाए थे. मैं विधवा हूं, उम्मीद है. अगर मुझे अपना पैसा वापस मिल जाए तो मैं बहुत आभारी रहूंगी."
बिहार के अशोक कुमार कहते हैं, "मैंने सहारा में लगभग 4 लाख रुपये का निवेश किया था, ताकि मुझे अपनी बेटियों की शादी के लिए पैसे उधार न लेना पड़े, लेकिन अब मेरा पैसा फंस गया है. मैं सरकार से केवल यही अनुरोध कर सकता हूं कि वे हम सभी की मदद करें."
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