महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) के मानसून सत्र के पहले दिन दो धुर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की आकस्मिक मुलाकात हुई. शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और बीजेपी नेता व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) एक साथ लिफ्ट का इंतजार करते हुए पाए गए. इस वाकये के वायरल हुए वीडियो में कुछ असहज माहौल दिखा, हालांकि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच कुछ बातचीत भी हुई. उन्होंने किस विषय में बात की, यह पता नहीं चल पाया है, हालांकि बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि यह सामान्य बातचीत थी.
बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान उद्धव ठाकरे से बातचीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, "अब से हम अपनी सभी गुप्त बैठकें लिफ्ट में करेंगे."
उन्होंने कहा कि, "जब देवेंद्र जी और मैं लिफ्ट में थे, तो लोगों को यह गाना याद आया होगा, 'ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे.' (सन 1965 की फिल्म 'जब-जब फूल खिले' का एक गीत). उद्धव ठाकरे ने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है. यह एक अप्रत्याशित मुलाकात थी."
"कल आप महाराष्ट्र के लोगों को चॉकलेट देंगे"
बीजेपी नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटिल और उद्धव ठाकरे के बीच हुई एक बातचीत की तस्वीरें भी सामने आई हैं. बीजेपी नेता पाटिल ने ठाकरे को चॉकलेट दी तो उन्होंने प्रतिक्रिया में कहा- "कल आप महाराष्ट्र के लोगों को चॉकलेट देंगे." ठाकरे साफ तौर पर राज्य के बजट का उल्लेख कर रहे थे, जिसमें चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए रियायतें दिए जाने की संभावना है.
इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव से पहले यह आखिरी विधानसभा सत्र है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) ने बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के सत्तारूढ़ गठबंधन को मात दी है. राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एमवीए ने 30 और एनडीए ने 17 सीटें जीतीं हैं. इसके बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में भी कड़ी टक्कर होने की संभावना है.
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण
पिछले दो सालों के दौरान राज्य में दो प्रमुख राजनीतिक शक्तियों में हुए बंटवारे की पृष्ठभूमि में आगामी चुनाव अहम हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में सन 2019 में बीजेपी और अविभाजित शिवसेना के गठबंधन ने चुनाव लड़ा था और बहुमत हासिल किया था. लेकिन बाद में सहयोगी दलों को बारी-बारी से मुख्यमंत्री का पद दिए जाने के मुद्दे पर मतभेद हो गया और फिर ठाकरे ने बीजेपी से नाता तोड़कर सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन कर लिया.
हालांकि बाद में एक और राजनीतिक उठापटक हुई और 2022 में उद्धव ठाकरे सरकार गिर गई. ठाकरे के भरोसेमंद सहयोगी एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी, जिससे शिवसेना टूट गई. शिंदे ने सरकार बनाने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया. इसके बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी, जिससे एनसीपी भी टूट गई. अजित पवार एनसीपी के अपने गुट के साथ राज्य सरकार में शामिल हो गए.
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