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This Article is From Apr 24, 2024

नोएडा का स्क्रैप माफिया रवि काना थाईलैंड में हिरासत में लिया गया, 120 करोड़ की प्रोपर्टी की जा चुकी है कुर्क

कथित तौर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में व्यवसायों से जबरन वसूली, स्क्रैप माल को अवैध रूप से हथियाने और बेचने के लिए एक गिरोह बनाने के बाद काना करोड़पति बन गया.

नोएडा का स्क्रैप माफिया रवि काना थाईलैंड में हिरासत में लिया गया, 120 करोड़ की प्रोपर्टी की जा चुकी है कुर्क
काना को रवींद्र नागर के नाम से भी जाना जाता है.
नई दिल्ली:

स्क्रैप माफिया रवि काना (Scrap Mafia Ravi Kana) और उसकी प्रेमिका काजल झा को थाईलैंड (Thailand) में हिरासत में लिया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर काना कई मामलों में फरार चल रहा था. सूत्रों के मुताबिक, नोएडा पुलिस थाईलैंड पुलिस से लगातार संपर्क में थी और उन्हें काना से जुड़ी सारी जानकारी दी थी.  जनवरी में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था.

2 जनवरी को ग्रेटर नोएडा में पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद काना पर उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस के अनुसार, काना, जिसे रवींद्र नागर के नाम से भी जाना जाता है. वो सरिया और स्क्रैप सामग्री की अवैध खरीद और बिक्री में शामिल 16 सदस्यीय गिरोह चलाता था.

कथित तौर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में व्यवसायों से जबरन वसूली के बाद स्क्रैप सामग्री को अवैध रूप से हथियाने और बेचने के लिए एक गिरोह बनाने के बाद काना करोड़पति बन गया. गैंगस्टर और उसके साथियों के खिलाफ अपहरण और चोरी के आरोप सहित 11 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. गिरोह के छह सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और ग्रेटर नोएडा में गिरोह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कई स्क्रैप गोदामों को सील कर दिया गया है.

नोएडा पुलिस ने हाल ही में कहा था कि उसने काना और उसके सहयोगियों की 120 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. इससे पहले जनवरी में, नोएडा पुलिस ने गैंगस्टर द्वारा अपनी प्रेमिका काजल झा को उपहार में दिए गए ₹ 100 करोड़ के दक्षिण दिल्ली स्थित बंगले पर भी छापा मारा और सील कर दिया. काजल झा ने नौकरी की तलाश में गैंगस्टर से संपर्क किया था, लेकिन जल्द ही उसके गिरोह में शामिल हो गई और सबसे महत्वपूर्ण सदस्य बन गई. वह काना की सभी बेनामी संपत्तियों का हिसाब-किताब रखती थी.

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