कबाड़ (स्क्रैप ) माफिया से करोड़पति गैंगस्टर बनने तक का सफर तय करने वाले रवि नागर उर्फ रवि काना (Ravi Kana) का साम्राज्य खत्म होने की कगार पर है. थाईलैंड पुलिस ने मंगलवार को रवि काना और उसकी महिला दोस्त काजल झा (Kajal Jha) को गिरफ्तार किया. पुलिस अब तक 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त कर चुकी है. रवि काना को बहुत जल्द भारत लाया जाएगा. इस बीच NDTV इस माफिया के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट दिखा रहा है. आइए जानते हैं गांव के एक आम आदमी ने स्क्रैप माफिया से करोड़पति गैंगस्टर तक का सफर कैसे तय किया.
ग्रेटर नोएडा से कुछ दूर दनकौर के पास दादूपुर गांव पड़ता है. गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है. हमें बड़ी मुश्किल से रवि काना के घर का पता मिला. रवि काना गौतमबुद्ध नगर का सबसे बड़ा स्क्रैप माफिया और गैंगस्टर है. इस गांव में तीन आलीशान कोठिया हैं. उनमें से सफेद रंग की तीन मंजिला कोठी रवि काना की है.
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सुंदर भाटी गैंग ने की थी रवि काना के भाई की हत्या
2015 में सुंदर भाटी गैंग ने रवि काना के भाई हरेंद्र नागर की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद सुंदर भाटी के लोगों ने रवि काना के इसी घर में फायरिंग करवाई थी. इसके बाद काना ने इस घर को छोड़ दिया था. यहां पर एक नौकर रह रहा था, लेकिन कई महीने से वो भी गायब है.
भतीजे ने नहीं किया कोई अपराध
तेजवीर नागर ने कहा, "आज तक उसने कोई अपराध नहीं किया. जब उसके भाई हरेंद्र नागर की हत्या कर दी गई, तो हमने सुंदर भाटी गैंग के खिलाफ गवाही दी है. वैसे उसने (काना) आज तक कोई चोरी बदमाशी या मारपीट कभी नहीं की. रेप के आरोप लगे हैं. ये आरोप झूठा है. घटना वाले दिन तो वो गांव में ही नहीं था.
रंग-बिरंगी एक और कोठी भी रवि के चाचा की है. वो कहते हैं कि ये कोठियां स्क्रैप के अवैध कारोबार की कमाई से खड़ी की गई. रवि काना और उसका भाई हरेंद्र कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नामी गैंगस्टर सुंदर भाटी के साथ सरिए का काम करते थे. फिर हरेंद्र की अनबन हुई, तो वो सुंदर भाटी से अलग हो गया. इसके बाद सुंदर भाटी ने हरेंद्र की हत्या करवा दी. हत्या के इस केस में रवि काना ने सुंदर भाटी के खिलाफ गवाही दी. फिर अपना गैंग बनाकर वो कबाड़ के धंधे में आ गया.
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रवि काना गैंग पर दर्जनों केस दर्ज
आरोप है कि रवि काना को जो सुरक्षा मिली, उसका उसने दुरुपयोग किया. पुलिस के साथ मिलीभगत से उसे स्क्रैप से भरे ट्रकों पर कब्जा किया. देखते ही देखते उसने ग्रेटर नोएडा में स्क्रैप के कई बड़े गोदाम बना लिए. ट्रक खरीदे और कुछ ही बरसों में वह गौतमबुद्धनगर का सबसे बड़ा स्क्रैप माफिया बन गया. उसकी गैंग में 17 लोग हैं. उस पर एक दर्जन केस दर्ज हैं.
गर्लफ्रेंड को गिफ्ट में दी थी 100 करोड़ की कोठी
नोएडा पुलिस अब तक रवि काना की करीब 120 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर चुकी है. पुलिस दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में उसकी गर्लफ्रेंड के घर भी गई थी, जो रवि काना की दी हुई 100 करोड़ की कोठी में रहती है. पुलिस उसकी गैंग के करीब 15 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. और उसके सभी गोदामों को सील कर चुकी है.
पुलिस रिकॉर्ड में स्क्रैफ माफिया का लिखा गलत नाम
पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में स्क्रैफ माफिया का नाम रवि काना लिखा है, जो उसका असली नाम नहीं है. रवि काना के ताऊ तेजवीर बताते हैं, "रवि काना क्यों लिखा गया है? वह काना तो नहीं है. रवि नागर भी लिख सकते हैं पर काना क्यों लिखा गया. जब से इसको मुल्जिम बनाया है, तब से उसका नाम रवि नागर ही है. फिर काना कहां से आ गया."
रवि काना की पत्नी को मिली जमानत
पुलिस ने इस बीच रवि काना की पत्नी मधु नागर को भी गिरफ्तार किया था, जो अब जमानत पर है. काना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हुआ था. अब नोएडा पुलिस रवि काना को थाइलैंड से लाने की तैयारी कर रही है.
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